हरिद्वार। खानपुर के पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी ने जिला अस्पताल के कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. विकासदीप पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि डॉ. विकासदीप ने मौजूदा विधायक उमेश कुमार के साथ मिलकर साजिश रची, जिसके तहत प्रणव सिंह चैंपियन को गंभीर बीमारी के बावजूद अस्पताल से छुट्टी देने की राय दी गई। इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया के माध्यम से मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है।
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वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने शिकायत करते हुए बताया कि जेल में रहते हुए प्रणव सिंह चैंपियन को हैमरॉइड्स (बवासीर) जैसी गंभीर बीमारी हो गई है। न्यायालय के आदेश पर 15 फरवरी से उन्हें हरिद्वार अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पैथोलॉजी टेस्ट कराए गए हैं जिसमें डॉक्टर द्वारा गंभीर बीमारी बताई गई है जिसका इलाज ऑपरेशन द्वारा ही संभव है।इसके बावजूद, आरोप है कि डॉ. विकासदीप ने विधायक उमेश कुमार के साथ मिलकर साजिश के तहत चैंपियन को स्वस्थ घोषित कर डिस्चार्ज करने की सिफारिश की।
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डॉक्टर पर साजिश के आरोप
रानी देवयानी का आरोप है कि डॉ. विकासदीप ने बिना उचित उपचार के उनके पति को जेल वापस भेजने की सिफारिश की, जो उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने मांग की है कि इस साजिश की जांच की जाए और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
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मानवाधिकार आयोग में याचिका
इस मामले में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, उत्तराखंड महानिदेशक स्वास्थ्य निदेशालय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक हरिद्वार और डॉ. विकासदीप को पक्षकार बनाते हुए मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर की गई है। शिकायत में मांग की गई है कि चैंपियन की मेडिकल फाइल की जांच कर वास्तविक स्थिति का पता लगाया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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इस प्रकरण ने हरिद्वार के राजनीतिक और चिकित्सा समुदाय में हलचल मचा दी है, और अब सभी की निगाहें मानवाधिकार आयोग की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।