बेगूसराय। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा मनरेगा को लेकर उठाए गए सवाल पर बड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस एक परिवार को मजबूत करने में लगी हुई है।
कांग्रेस को यह बिलकुल नहीं पसंद है कि कोई भी ऐसे टेक्नोलॉजी का प्रयोग हो जो ट्रांसपेरेंसी और एकाउंटेबिलिटी लाये। इन लोगों ने डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी का मजाक बनाया, जीएसटी का विरोध किया, डीबीटी का सहयोग नहीं किया और अब मनरेगा में ट्रांसपेरेंसी का विरोध कर रहे है।
उन्होंने कहा कि जयराम रमेश जी यह सब अब नहीं चलेगा। टेक्नोलॉजी से देश में सुधार लाएंगे और गरीबों को उनका हक भी दिलायेंगे। मनरेगा के तहत तकनीक का उपयोग करके पूर्व की सरकार में चल रहे सारे गड़बड़ घोटाले को समाप्त करने की दिशा में हमारी सरकार ने बहुत प्रयास किया है और उसके अच्छे परिणाम अभी दिख रहे हैं।
इसी दिशा में आधार पर आधारित भुगतान की व्यवस्था को मनरेगा के तहत लागू किया गया है। जिसका उद्देश्य है किसी भी हितग्राही का खाता हितग्राही को बदलना पड़ रहा है, फिर भी इसके भुगतान में किसी तरह की दिक्कत नहीं आए, जिससे उनको कभी भी बैंक या ग्राम पंचायत कार्यालय का बार-बार चक्कर नहीं लगाना पड़े।
गिरिराज सिंह ने कहा कि आधार आधारित भुगतान व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अगर हितग्राही अपना बैंक खाता किसी कारण से बदलता भी है तो उसको भुगतान की प्राप्ति में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। 99 प्रतिशत से अधिक मजदूरी भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक या डाकघर खाते में किया जा रहा है।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं रिमोट सेंसिंग से लेकर आईटी सक्षम प्रौद्योगिकी तक विभिन्न प्रौद्योगिकियों के उपयोग ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के कार्यान्वयन में परिवर्तन लाया है। अब नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) ऐप की मदद से कार्यस्थल पर काम करने वाले लाभार्थियों की वास्तविक समय उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कल कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि नए साल में प्रधानमंत्री ने देश के सबसे गरीब परिवारों को क्रूर तोहफा दिया है। मनरेगा के तहत काम करके बुनियादी आय प्राप्त करने वाले करोड़ों ग़रीबों से उनका अधिकार छीन लिया गया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उनके इस तोहफे की निंदा करती है।