गाजियाबाद। मुरादनगर गंगनहर घाट पर महिलाओं के कपड़े बदलने वाले कक्ष की निगरानी सीसीटीवी से करने के आरोपी महंत मुकेश गिरि की अग्रिम जमानत अर्जी अदालत के न्यायाधीश निर्मलचंद सेमवाल ने खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति का है, इसलिए अग्रिम जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है।
मुरादनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला 21 मई 2024 को मुरादनगर स्थित गंग नहर में परिवार के साथ नहाने के लिए आई थीं। नहाने के बाद वह घाट पर बने कमरे में कपड़े बदलने के लिए गई थीं। वहां पर पता चला कि कमरे में कैमरा लगा हुआ था। शिकायत मंदिर के महंत मुकेश गिरि से की। आरोप है कि मुकेश गिरि ने महिला के साथ गाली गलौज के साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद महिला ने 23 मई को घटना की रिपोर्ट मुरादनगर थाने में दर्ज करा दी।
अदालत महंत मुकेश गिरि के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर चुकी है। पुलिस की जांच में साफ हो चुका है कि महिलाओं के कपड़े बदलने के कमरे में कैमरा महंत ने ही लगवाया था। इसकी फुटेज उसके मोबाइल फोन में रहती थी। उसके मोबाइल में फुटेज मिली थीं। मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस को मोबाइल महंत के आश्रम में मिला था। तब तक महंत फरार हो चुका था।