देहरादून/गोपेश्वर। सिखों के सबसे पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 11 अक्टूबर को दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। अब तक एक लाख 60 हजार 800 तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके हैं।
समुद्रतल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट इस वर्ष 20 मई को श्रद्धालुओं के लिए ‘खोले गए थे।
शुरुआत में मार्ग और मौसम को देखते हुए 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और वृद्धों के यात्रा करने पर रोक लगाई गई थी। बावजूद इसके यात्रा पर इसका कोई असर नजर नहीं आया।
प्रतिबंध हटने के बाद यात्रा ने और गति पकड़ी। हालांकि जुलाई में बारिश शुरू होने के बाद यात्रा थोड़ी धीमी पड़ गई थी। लेकिन सितंबर में मानसून की विदाई की शुरूआत होने के साथ ही धाम में फिर श्रद्धालुओं की भीड़ बड़ी संख्या में उमड़नी शुरू हो गई।
इन दिनों भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मत्था टेकने पहुंच रहे हैं।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया, ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि इस वर्ष श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 11 अक्टूबर को दोपहर एक बजे बंद किए जाएंगे।
आपको बता दें कि, इस बार पिछले साल की गलतियों से सबक लेकर पैदल यात्रा मार्ग में सुधार के साथ मूलभूत सुविधाओं शौचालय, टिन शेड, बेंच, रेलिंग इत्यादि में इजाफा किया गया है। ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं के लिए घांघरिया और हेमकुंड साहिब के बीच में ही चिकित्सा शिविर की भी व्यवस्था की है। वहीं गोविंदघाट से घांघरिया तक हवाई सेवा भी निरंतर जारी है।