चंडीगढ़। जम्मू-कश्मीर से बगैर चालक के पटरी पर दौड़ी मालगाड़ी को पंजाब के होशियारपुर में समय रहते रोक लिया गया लेकिन इस घटना के पीछे बड़ी मानवीय चूक सामने आई है। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांग ली है। रेलवे की एक टीम ने घटनास्थल का दौरा करके जांच शुरू कर दी है।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ से मालगाड़ी (14806 आर) रविवार को बिना ड्राइवर और गार्ड के 70 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ने लगी। ट्रेन ने 2 घंटे में लगभग 130 किलोमीटर की दूरी तय की। जम्मू के कठुआ से बेलगाम हुई ट्रेन को काफी मशक्क़त के बाद रेल अधिकारियों ने पंजाब के होशियारपुर स्थित दसूहा की ऊंची बस्सी में लकड़ी के स्टॉपर लगाकर रोका।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कठुआ रेलवे स्टेशन पर ड्राइवर मालगाड़ी का इंजन स्टार्ट कर बिना हैंड ब्रेक लगाए नीचे उतर गया। पठानकोट की तरफ ढलान होने की वजह से मालगाड़ी चल पड़ी। रेलवे के अधिकारियों को जब मालगाड़ी के चलने का पता चला तो उसे कठुआ रेलवे स्टेशन पर रोकने की कोशिश की गई लेकिन वह सफल नहीं हुए। कुछ देर में मालगाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली और ट्रेन 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पटरी पर आगे बढ़ी।
घटना की सूचना मिलते ही कठुआ रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने तुरंत पंजाब के पठानकोट में सुजानपुर रेलवे स्टेशन के रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया। वहां भी ट्रेन को रोकने की कोशिश की गई। रेलवे लाइन पर स्टॉपर लगाए गए। गाड़ी स्टॉपर तोड़ते हुए आगे बढ़ गई। इसके बाद मालगाड़ी को पठानकोट कैंट, कंडरोड़ी, मीरथल, बंगला और मुकेरियां में भी रोकने की कोशिश की गई। इस बीच गाड़ी की स्पीड कम होती चली गई। आखिर में होशियारपुर के ऊंची बस्सी रेलवे स्टेशन पर लगाए गए लकड़ी के स्टॉपर से मालगाड़ी रुक गई।
जम्मू रेलवे डिवीजन ट्रैफिक मैनेजर ने बताया कि घटना का कारण जानने की कोशिश की जा रही है। एक टीम ने होशियारपुर का दौरा भी किया है। संभावित सुरक्षा चूक की पहचान करने के लिए मामले की जांच शुरू कर दी गई है।