लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चन्द्रचूड़ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार काे दीप प्रज्जवलित कर डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ के तृतीय दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है विधि का शासन। न्यायसंगत व्यवस्था सबको प्रिय है। विधि के शासन के लिए ही आज आज भारत जाना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय सबको समय से मिले। बार व बेंच का बेहतर समन्वय हो। आम जनमानस एक विश्वास लेकर आपके पास आता है। विश्वास सबसे बड़ी पूंजी होती है। अधिवक्ताओं पर लोग विश्वास करते हैं। विश्वास पर खरे उतरना हम सबकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बदलते परिवेश में जो व्यक्ति व्यवस्था व समाज को बदलती है व सकारात्मक होनी चाहिए। राष्ट्र के प्रति हमारा सर्वोच्च समर्पण होना चाहिए। ‘सत्यं वद धर्मं चर’सत्य बोलना धर्म का आचरण करना। हम सबको सम व विषय परिस्थितियों में अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। राष्ट्र को साक्षी मानकर, अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होकर कार्य करना ही हमारा धर्म है। राष्ट्र’ हमारे जीवन में सर्वोच्च होना चाहिए। हमारा सबकुछ राष्ट्र के प्रति समर्पित होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन यहां के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरक है। अच्छे विधि विशेषज्ञ स्नातक, परास्नातक व शोध की डिग्री लेने के बाद जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण के वर्तमान अभियानों का हिस्सा बन सकें यह उन्हें अवसर मिला है। हमें पूर्ण विश्वास है कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के होनहार विद्यार्थी देश की न्याय व्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
इस अवसर पर विधि के विद्यार्थियों को उपाधि बांटी गयी। दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा के मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय,विश्वविद्यालय के कुलपति अमरपाल सिंह,विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य प्रताप सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।