Tuesday, December 24, 2024

भड़काऊ भाषण से समस्त मुस्लिम समाज की भावनाएं आहत हुई,समाज में रोष है,सरकार असामाजिक लोगों पर क़ानूनी शिकंजा कसे- मुफ्ति बिन यामीन 

मुजफ्फरनगर। जनपद में आज जमीयत उल्मा की मैनेजमेंट कमेटी का एक अहम इजलास बाग वाली मसजिद (मसजिद ए कुबा ) आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जनाब मुफ्ति बिन यामीन साहब ने,और संचालन ज़िला महासिचव एवम् प्रदेश सेक्रेटरी जनाब कारी ज़ाकिर हुसैन क़ासमी साहब ने किया। प्रोग्राम की शुरुआत कारी मुहम्मद अजमत की तिलावत ए कलाम ए पाक से हुई और मुहम्मद हुज़ैफा ने नात ए नबी पेश की। इजलास को संबोधित करते हुए ज़िला महासचिव एवं _प्रदेश सेक्रेटरी जनाब कारी ज़ाकिर हुसैन क़ासमी ने कहा कि महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक कथित धर्मगुरु ने जिस प्रकार से जनाब हज़रत मुहम्मद मुस्तफा स०अ०व० की शान में गुस्ताखी की है और भड़काऊ बयानबाजी की है उसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुसलमान अपने पैगम्बर के बारे में एक मामूली सी अपमानित टिप्पणी भी बर्दाश्त नहीं कर सकता, हम गृह मंत्री जी और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री जी से यह माँग करते हैं कि इस असामाजिक व्याक्ति को तुरन्त गिरफ्तार किया जाए। इस्लामोफोबिया की बढ़ती हुई घटनाएं किसी भी तरह से देशहित और समाज हित में नहीं हैं।

भड़काऊ भाषण से समस्त मुस्लिम समाज की भावनाएं आहत हुई हैं और समाज में रोष है। सरकार को चाहिए कि ऐसे असामाजिक लोगों पर क़ानूनी शिकंजा कसा जाए और सख्त सज़ा दी जाए ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके ।

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में आज यहां मदरसों के जिम्मेदार मौजूद हैं, वे समझ ले कि देश के क़ानून और संविधान में जो हुक़ूक़ हमे हासिल हैं उनकी मालूमात हमे ज़रूर होनी चाहिए। अगर मालूमात की कमी है तो उसमें इज़ाफ़ा करने की हर मुमकिन कोशिश करें। उन्होंने कहा कि जमीयत उल्मा ए हिन्द की कोशिश है कि नई नस्ल के ईमान की हिफाज़त के लिए बच्चे और बच्चियों की तादाद के हिसाब से शहर, कस्बों, देहातो, में मोहल्ला मोहल्ला मुनज़्ज़म मक़तबो का क़याम लाज़िम किया जाए। इलाक़े के जिम्मेदार उल्मा ए इकराम मुस्लिम स्कूलों का मुआयना करें (कि हर शहर कस्बा देहात में मोहल्ला मोहल्ला ऐसे सैकड़ों स्कूल मौजूद हैं ) उन स्कूलों के निज़ाम ए तालीम को देखें और इन स्कूलों में असरी तालीम इस्लामी माहौल में दी जा रही हो इसके लिए हर मुमकिन कोशिश करें। ये अपनी आने वाली नस्लों को बर्बादी से बचाने की बुनियादी फिक्र और ज़रूरत है जिसमें आज ज़रा सी भी लापरवाही रही तो आने वाला वक़्त में इसके क्या परिणाम होंगे ये आप सब भलीभांति समझते हैं। उल्मा हजरात को ये तय करना होगा कि दिल चाहे या ना चाहे, दूसरे कितने भी तकाज़े हो सबके बावजूद आपको इस मैदान में अपनी मेहनत को बढ़ाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि बड़ी संख्या में नौजवान नशे में लिप्त हो गए हैं वहीं मुस्लिम महिलाएं ग्रुप लोन की साज़िश का बड़ी संख्या में शिकार होकर ब्याज के कारोबार में और फिर ब्याज अदा ना होने की शक्ल में दूसरी बुराइयों में फंस रही है और यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत चल रहा है,। समाज सुधार कार्यक्रम के ज़रिए नौजवानों और ऐसी महिलाओं पर नज़र रखना और उनकी इस्लाह की फिक्र करना हम सब पर लाज़िम हैं ।

जिलाध्यक्ष जनाब मुफ्ति बिन यामीन साहब ने कहा कि मुसलमान हर हाल में अपने बच्चे और बच्चियों को दीनी तालीम ज़रूर दिलाएं। आज के इस माहौल में उल्मा के साथ ही बच्चों के मां बाप की यह जिम्मेदारी है कि उनके ईमान की हिफाज़त रहे उसके लिए फ़िक्र मंद हो और बच्चों की पूरी निगरानी करें। उन्होंने कहा कि मकतब का क़ायम करना ज़रूरी है इसके लिए उल्मा ए इकराम खास तौर से अहले मदारिस कुछ बजट मकातिब के लिए मखसूस करें इसी के ज़रिए हम मदारिस वालो को भी तलबा मिल सकते हैं। अगर छोटे बच्चों पर मेहनत ना की गई तो बेदीनी और बद अकीदगी का ये आलम होगा कि आप तसव्वुर नहीं कर सकते।

मौलाना जमालुद्दीन ने कहा कि जमीयत उल्मा ए हिन्द नौजवानों को मुनज़्ज़म करने के लिए जमीयत यूथ क्लब के ज़रिए स्काउट गाइड की ट्रेनिंग चला रही है। इस पर हम सभी को भरपूर तवज्जो करनी चाहिए।

हाफिज फुरकान साहब ने कहा जमीयत ओपन स्कूल के निज़ाम को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया और कहा कि तमाम मदरसे वाले इस निज़ाम को समझ कर अपने यहां इसे शुरू कराएं।

इस मौके पर मौलाना मूसा क़ासमी, शहर सदर हाफिज इकराम, मौलाना अरशद नसीरपुर, कारी मुहम्मद आदिल, नायब सदर मौलाना माज़ हसन, हाफिज गुलशेर, कारी अब्दुल माजिद, मुफ्ति निशात, मुफ्ती आस मोहम्मद, हाफिज अय्यूब त्यागी, मौलाना अरशद जड़ौदा, डॉक्टर मोहम्मद अख्लाक, मौलाना इसरार, मुफ्ति फाजिल वगैरह ने मुश्तर्का तौर पर कहा कि इस वक़्त पुरे मुल्क में जमीयत उल्मा ए हिन्द की कारकरदगी काबिल ए तारीफ है। जमीयत उल्मा ए हिन्द के सदर जनाब हज़रत मौलाना महमूद असद मदनी साहब जिस तरह से हर मामले में फिक्रमंद है, चाहे औक़ाफ़ के मसाइल हो, मोबलिंचिंग के मामले हो, इस्लामोफोबिया, नौजवानों की तरबियत बिलखुसुस उल्मा की तरबियत के लिए वर्कशॉप, दीनी तालीमी बोर्ड के जरिए मकातिब का क़याम, हज़ारों बेगुनाहों के मुकदमात की मज़बूत पैरवी जैसे बड़े अज़ीम कारनामे हैं। ज़रूरत इस बात की है कि हम अपनी मेहनत को बढ़ाए और जमीयत की सभी तहरीकों को पूरा करने के लिए सहयोगी बने ।

इस मौके पर कारी मुहम्मद सादिक,मौलाना अरशद नसीरपुर,मुफ्ति इक़बाल,शहर नायब सदर हाजी वसीम आलम, मुफ्ति कलीम, हाजी फैज़ मुहम्मद, हाजी शमीम कुरैशी, मौलाना हुज़ैफा,डाक्टर शमून,हाजी उमरदराज,मौलाना समीउल्लाह, कारी सफ़राज़, मुहम्मद शिबली, प्रधान सुलेमान, नूर मुहम्मद, मुफ्ति तैयब, व अन्य उल्मा ए इकराम ने शिरकत फरमाई।

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