मेरठ। एक तरफ विशाल पहाड़ और दूसरी तरफ गहरी खाई। झरना नदी में तब्दील हो गया। पानी का तेज बहाव पहाड़ के बड़े हिस्से को तोड़ता हुआ पुल को भी बहा ले गया। साथ में दोनों बच्चे और पति भी थे। अगर 2 मिनट की देरी होती तो चारों को पानी बहाकर ले जाता।
मेरठ से केदारनाथ दर्शन के लिए गए लगभग 40 श्रद्धालु बादल फटने के कारण फंस गए हैं। कई लोग इस त्रासदी में बाल-बाल बच गए, जबकि कुछ लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे उनके परिजन चिंतित हो गए हैं। वह अपनों के सकुशल होने की प्रार्थना कर रहे हैं और उनसे संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं।
केदारनाथ से मेरठ लौटीं ब्रह्मपुरी निवासी सुधा ने जब आपबीती बताई तो उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। उन्होंने बताया कि हमने भयावह मंजर देखा है, अभी पहाड़ों पर जाने का समय नहीं है। सुधा ने बताया कि रेस्क्यू टीम ने हमें रस्सियों से बचाकर निकाला। केदारनाथ से संपर्क पूरी तरह खत्म हो गया था।
मेरठ से 19 लोग केदारनाथ दर्शन के लिए 27 से 29 जुलाई के बीच गए। इसमें ब्रह्मपुरी निवासी मोनू शर्मा, पत्नी सुधा, बच्चे परी और पलक शुक्रवार शाम वापस लौट आए। रिठानी निवासी तनुज शर्मा और उसका मित्र दीपक शर्मा भी मेरठ पहुंच गए हैं।
माधवपुरम निवासी अमित बंसल, पुनीत बंसल और मयंक बंसल को बीती रात 3:30 बजे रेस्क्यू कर लिया गया। तीनों युवक देर शाम तक कोटद्वार सुरक्षित पहुंच गए। मेरठ से गए छह लोग यश गुप्ता, यमन चौधरी, यश बंसल, देव ठाकुर, आकाश वर्मा, हर्षित भी देवप्रयाग पहुंच गए हैं।
यश गुप्ता ने बताया कि हमारे सामने ही बादल फटा था। पूरी सड़क टूट गई। तेज बारिश शुरू हो गई थी। पुल टूट चुका था। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ लोग बादल फटने के कारण खाई में गिरकर बह गए। ऐसे में विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए तुरंत वापस लौट आए। परिवार को कुशलता के विषय में पूरी जानकारी दे दी गई है।