नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक संसद का सत्र बुलाने का फैसला किया है, इस सत्र को बुलाने से देश में राजनीतिक चर्चाएं तेज़ हो गयी है। सत्र में कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पास किए जा सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में इस सत्र के बाद देश में समय पूर्व चुनाव कराने की संभावनाएं जताई जा रही है।
लोकसभा का सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था अब 18 सितंबर से 22 सितंबर तक सत्र बुलाये जाने की घोषणा कर दी गई है। केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा के 261वां सत्र) में पांच बैठकें होंगी। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है । हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। जोशी ने कहा कि संसद के इस विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर वह आशान्वित हैं।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही विपक्ष की तरफ से ऐसे दावे किए गए हैं कि मोदी सरकार इस बार आम चुनाव समय से पहले करा सकती है। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि केंद्र की मोदी सरकार पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव करा सकती है। वहीं, अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया बयान से इन चर्चाओं में दम नजर आ रहा है। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ने कहा है कि यह लोग लोकसभा चुनाव समय से पहले भी करवा सकते हैं।
दूसरी तरफ सूत्रों का कहना है कि इस सत्र में सीआईओ का नया पद सृजित किया जायेगा क्योंकि 15 सितबर को ईडी के डायरेक्टर संजय मिश्रा का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है जिसके बाद उनकी इस पद पर तैनाती की जाएगी और वे ईडी और सीबीआई दोनों के बॉस बन जायेंगे।