वाराणसी। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीन राज्यों में भाजपा की जीत और इंडिया गठबंधन के भविष्य को लेकर कहा कि हम निराश नहीं हैं। लोकतंत्र में ऐसे नतीजे आते रहते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि ‘सबका साथ और सबका विकास’ हो रहा है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव सोमवार को वाराणसी पहुंचे। इस दौरान मुरदहा स्थित नेशनल इक्वल पार्टी के कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बातचीत में राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर कहा कि राजनीति में इस तरह के परिणाम आते रहते हैं। हम परिणाम को स्वीकार करते हैं। लेकिन, यह नहीं भूलना चाहिए की लड़ाई अभी बहुत लंबी है। यह चुनाव परिणाम उन राज्यों के हैं, जहां के लोग अभी भाजपा के शासनकाल से पूरी तरह परिचित नहीं हैं। जिन राज्यों में भाजपा का शासन है, वहां की जनता से हकीकत पूछिए तो बात समझ में आएगी।
कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि एमपी में गठबंधन को लेकर बात नहीं बन पाई थी। मध्य प्रदेश की परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। लोकसभा चुनाव में क्या स्थितियां बनेंगी, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
ईवीएम को लेकर उठ रहे सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे लैपटॉप अभी चल रहे हैं। मतगणना का तरीका हमें जापान और अमेरिका से सीखना चाहिए। वहां एक महीने काउंटिंग होती है। कांग्रेस के सनातन विरोध पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि हम सब लोग सनातन धर्म को मानने वाले हैं। खास बात तो यह है कि जो लोग सनातन का विरोध कर रहे हैं, वे भूल गए हैं कि उनकी जड़ें भी सनातन धर्म से ही जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि ‘हर घर बेरोजगार, मांगे रोजगार’ के नारे के साथ समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जनता के बीच जाएगी। बेरोजगारी की समस्या वर्तमान में भी पहले की तरह ही जटिल और विकराल है। भाजपा सरकार दिखावे के लिए रोजगार बांटने का नाटक कर रही है। जितने भी लोगों को नौकरी दी जा रही है, उनकी पड़ताल कर ली जाए तो हकीकत सामने आ जाएगी।