नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में पर्यटकों को उनका नाम और धर्म पूछकर निशाना बनाया गया। इस खूनी खेल ने भारत के लोगों के मन में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा भर दिया है। इस सबके बीच हमेशा पाकिस्तान से बातचीत की पैरवी करने वाले जम्मू-कश्मीर की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के भी सुर अब बदल गए हैं। पाकिस्तान के समर्थन में बात करने वाले फारूक अब्दुल्ला को भी अब लगने लगा है कि पहलगाम आतंकी हमले के हैंडलर पाकिस्तान में मौजूद हैं।
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दरअसल, पाकिस्तान को लेकर जब-जब भी भारत ने एक्शन लेने की बात कही, तब-तब फारूक अब्दुल्ला अपने बयानों के जरिए पाकिस्तान का समर्थन करते नजर आते थे। लेकिन, पहलगाम हमले के बाद से उनका मन बदला सा नजर आ रहा है और वह पाकिस्तान के खिलाफ जारी केंद्र सरकार के एक्शन का समर्थन करते नजर आ रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने तो पहलगाम हमले को लेकर यहां तक कहा कि यह हमला मानवता को शर्मसार करने वाला है और इस आतंकी हमले के हैंडलर पाकिस्तान में छुपे बैठे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम की घटना बेहद दर्दनाक थी। यह किसी भी हाल में नहीं होना चाहिए था। इस हमले में इंसानियत का कत्ल हुआ है। ऐसे में मेरी मांग है कि आतंकियों को जल्द पकड़कर सजा दी जाए, ताकि इस तरह की घटना को अंजाम देने के बारे में कोई सोचे भी नहीं।
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उन्होंने साफ कह दिया कि जिन्होंने मुंबई, उरी, पुलवामा, पठानकोट, पुंछ में अटैक किया, अब पहलगाम में आतंकी हमला उनके द्वारा ही किया गया। ये तो सभी लोग जानते हैं कि इन हमलों का हैंडलर तो पाकिस्तान में बैठा है। फारूक अब्दुल्ला ने साफ कहा कि ये घटना बिना लोकल मदद के नहीं हो सकती है। जब तक इन आतंकियों का कोई साथ नहीं देगा, ऐसा हमला नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि मैंने कहा था मसूद अजहर को मत छोड़िए। इसने कईयों का मारा है। मेरे भाई को मारा है। पीओके के बारे में भी अब्दुल्ला ने कहा कि इसे वापस लेने का फैसला पीएम का होगा।
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उन्होंने दावा किया कि देश पीएम के हाथों में सुरक्षित है। अगर पीएम मोदी के हाथों में देश सुरक्षित नहीं होता तो वे पीएम नहीं होते। पीएम को देश के हर नागरिक की हिफाजत करनी है और वो ऐसा कर भी रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने सिंधु जल समझौता रोकने की हिमायत करते हुए कहा कि मैं तो पहले से कहता रहा हूं कि इसे री-नेगोशिएट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी हमारा है। हमारे यहां पहले से पानी की कमी है।
हमारा ही पानी और हम ही इस्तेमाल नहीं करते हैं। जबकि, इस पर हम लोगों का पूरा हक है। ऐसे में अब ट्रीटी को री-नेगोशिएट करने का वक्त आ गया है। सरकार द्वारा जाति जनगणना की घोषणा का भी फारूक अब्दुल्ला ने समर्थन किया और कहा कि यह बड़ी अच्छी बात है। देश में दलित, मुसलमान, सिख आदि जातियां कितनी हैं, सबको पता होनी चाहिए। मुसलमानों में भी जाति जनगणना होनी चाहिए। हर एक जाति में यह जनगणना होनी चाहिए। जिससे सबको पता लगेगा कि यह देश सबका है। यह दुनिया को पता लगेगा कि भारत कई रंगों का देश है और इस रंग में कितने लोग रहते हैं। इसकी मांग तो बहुत वक्त से है।