अयोध्या। राम मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा के लिए भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक का शुभारंभ आज अयोध्या में हुआ। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कल दोपहर अयोध्या पहुंचकर कार्यदायी संस्था द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने परकोटा और इसके बाहर बन रहे सप्त मंदिरों के निर्माण की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मुख्य मंदिर अगस्त या सितंबर में और परकोटा नवंबर में हैंडओवर हो जाएगा।
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उन्होंने अहम जानकारी साझा करते हुए कहा कि परकोटा और सप्त मंदिरों में साधु-संतों और भगवान की मूर्तियों की स्थापना शुरू हो चुकी है। मुख्य मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिमा और शेषावतार मंदिर की प्रतिमाएं शेष हैं। 23 मई को राम दरबार की प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, 30 मई तक शेषावतार मंदिर में लक्ष्मण जी की प्रतिमा भी पहुंचकर स्थापित की जाएगी। राम मंदिर के राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 3 जून से शुरू होगी और 5 जून को पूर्ण होगी। श्रद्धालुओं के दर्शन की तिथि राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा तय की जाएगी।
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उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के दर्शन के लिए प्रति दिन 750 श्रद्धालुओं को पास के जरिए अनुमति दी जाएगी। प्रति घंटे 50 पास ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर जारी होंगे। शुरुआती तीन महीनों में मंदिर के लोड फैक्टर की जांच होगी। रुड़की के वैज्ञानिकों ने मंदिर के मापदंडों के आधार पर प्रति घंटे 50 श्रद्धालुओं को प्रथम तल पर जाने की अनुमति दी है। मंदिर में 10 सेंसर लगाए गए हैं, जो पत्थरों के मूवमेंट और भूकंप के संकेतों की जानकारी देते हैं। इन सेंसरों के जरिए तीन महीने तक मंदिर पर पड़ने वाले लोड का अध्ययन किया जाएगा।
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नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर की बाउंड्री और ऑडिटोरियम को छोड़कर, मंदिर परिसर के सभी निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूरे हो जाएंगे। जयपुर में बन रही राम दरबार की प्रतिमा प्रथम तल पर स्थापित होगी। रक्षा मंत्रालय द्वारा छह महीने पहले टाइटेनियम से निर्मित राम दरबार की प्रतिमा ट्रस्ट को समर्पित की गई थी, लेकिन इसे स्थापित करने की योजना नहीं है। भवन निर्माण समिति की तरफ से निर्माणाधीन यात्री सुविधा केंद्र और एसटीपी का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को हैंडओवर कर दिया गया है।
मुख्य मंदिर अगस्त के आखिरी सप्ताह में हैंडओवर किया जाएगा, वहीं परकोटा नवंबर के अंत में राम मंदिर ट्रस्ट के हवाले कर दिया जाएगा। प्रथम तल पर सोने के दरवाजे नहीं लगाए जाएंगे, बल्कि महाराष्ट्रियन टीक वुड के दरवाजे लगाए जाएंगे। भूतल के दरवाजे पहले ही स्वर्ण जड़ित हो चुके हैं। मंदिर के शिखर पर स्वर्ण लगाने का कार्य चल रहा है, जो जुलाई के अंत तक पूरा होगा। मंदिर में सोने की मात्रा और उपयोग की जानकारी अगले दो दिनों में दी जाएगी। भगवान के आभूषण और अस्त्र-शस्त्र भी स्वर्ण से निर्मित होंगे।