Sunday, February 23, 2025

योगी के आश्वासन से टला झांसी के दस हजार घरों के टूटने का खतरा,अनशन समाप्त

झांसी। वीरांगना नगरी झांसी के डडियापुरा सहित आस पास के इलाके में लगभग 10 हजार घरों को तोड़ने के झांसी विकास प्राधिकरण (जेडीए) के नोटिस के बाद शुरू हुआ आमलोगों का आमरण अनशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन के बाद महापौर बिहारी लाल आर्य की मौजूदगी में शुक्रवार को समाप्त हुआ।

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर झांसी विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने डडियापुरा, तालपुरा, पिछोर और झांसी खास आदि क्षेत्रों में आने वाले लगभग 10 हजार मकानों के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया था। एनजीटी के आदेश के तहत शुरू की गयी कार्रवाई से इलाके की लगभग एक लाख की आबादी के सिर से छत छिनने का खतरा मंडराने लगा। अपने घरों को बचाने के लिए लोगों ने लगभग सभी संबंधितों अधिकारियों , जनप्रतिनिधियों और अन्य के सामने न्याय की गुहार लगायी।

जेडीए की कार्रवाई की बढ़ती सख्ती और कही ं से कोई ठोस आश्वासन न मिलने के बीच आम जनता ने विरोध प्रदर्शन् किया और आखिरकार आम जनता अपने घरों को बचाने के लिए अनशन पर बैठ गयी। अनशनकारियों में से पांच लोगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। मीडिया में मामले के तूल पकड़ने के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता अनशनकारियों के समर्थन में आगे आये। सदर विधायक रवि शर्मा ने विधान सभा में इस मामले को उठाने की बात कही तो गरौठा विधायक जवाहर सिंह राजपूत ने मकान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोके जाने को लेकर अपर मुख्य सचिव शहरी नितेश कुलकर्णी से मुलाकात की।

इस बीच झांसी महापौर बिहारी लाल आर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। मुख्यमंत्री के आश्वासन पर श्री आर्य ने आज अनशन स्थल पर पहुंच कर अनशनकारियों को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया।

श्री आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जनहित सर्वोपरि है । यदि जनता का हित प्रभावित होता

तो तत्काल उसका निराकरण किया जाता है। मुख्यमंत्री ने झांसी जिलाधिकारी समेत तमाम अधिकारियों को आदेशित किया है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा किसी के घर की एक ईंट नहीं गिरायी जायेगी। मुख्यमंत्री और सरकार जनता के साथ है।

इस दौरान मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप जैन आदित्य ने मुख्यमंत्री के आश्वासन पर धरना खत्म किये जाने को लेकर एक ओर जहां प्रसन्नता जतायी वहां यह मांग की कि यह आश्वासन कोई चुनावी जुमला न बन जाए । आगे भी इतनी बड़ी आबादी के सिर से छत छिनने का यह मामला पूरी तरह से खत्म हो और पीड़ित लोग शांति के साथ अपनी सामान्य जीवनचर्या में लग सकें।

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