मुजफ्फरनगर। जनपद में गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश से सड़कें जलमग्न हो गईं। बारिश से किसानों के चेहरे तो खिले, लेकिन कांवड़ यात्रियों को कहीं-कहीं परेशानियों का सामना करना पड़ा। करीब 2 घंटे के दौरान 60 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जबकि 2 दिनों के भीतर बारिश का पैमाना 84.6 मिली मीटर पर पहुंच गया। गर्मी से लोगों को राहत मिली और सुबह का तापमान 24.6 सेल्सियस दर्ज किया गया।
सावन का महीना लगते ही लोगों को बारिश की सौगात मिलने लगी है। बरसात के चलते खेत भर गए हैं, लेकिन गांव और देहात की सड़कें जलमग्न हैं। सड़कों पर पानी भरने के कारण आवागमन बाधित हुआ। गुरुवार सुबह से ही मूसलाधार बारिश हुई, जिससे दोपहर के समय लोगों को बारिश से निजात मिली तो वह अपने काम के लिए निकले। शहर, देहात और कस्बा क्षेत्रों में बारिश के चलते पानी भर गया।
जून और जुलाई महीने का आकड़ा लिया जाए तो अब तक 137 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। मौसम में नमी के कारण धूप निकलने पर उमस का माहौल बन रहा है। मौसम विशेषज्ञ पान सिंह ने बताया कि बरसात का मौसम मुंजी (चावल) की पौध के लिए वरदान है। किसानों को मुंजी की पौध लगाने में काफी आसानी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि खेतों में गन्ने की फसल खड़ी है। गन्ने के लिए भी बरसाती पानी काफी लाभदायक साबित होगा।
उन्होंने बताया कि बाग में आम की बहार आई हुई है। बारिश के चलते आम की फसल को भी लाभ पहुंचेगा और उसका वजन बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह न्यूनतम तापमान 24.6 सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में भी गिरावट की उम्मीद है। पिछले 2 दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते मौसम सुहावना हो गया है।
घरों में भरा बारिश का पानी, -ग्रामीणों का घरेलू सामान हुआ खराब
मोरना में ग्रामीणों के घरों में जल भराव होने से घरों में रखें खाने के सामान , वस्त्र आदि सहित हजारों रुपए का सामान खराब हो गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से पानी निकासी को लेकर नाले चौड़ीकरण कराए जाने की गुहार लगाई है। घंटों की कड़ी मशक्कत कर ग्रामीणों ने घर में भरे जलभराव को निकाला।
भोपा थाना क्षेत्र के गांव करेहड़ा में बृहस्पतिवार सुबह से हो रही भारी बारिश से ग्रामीणों के घरों में बारिश का पानी भर गया। ग्रामीण इंदरवीर, प्रमोद,नीरज, उदयवीर, बाबू, रविंदर, पप्पी, आदि के घर के अंदर बारिश का अत्यधिक जलभराव हो गया। जिसके चलते गेहूं, सरसों, चावल, भुसा सहित बेड, संदूक, चारपाई आदि के नीचे भी पानी पहुंचने से ग्रामीणों के बीच हड़कंप मच गया। ग्रामीणों को मकान गिरने का डर सताने लगा।
ग्रामीणों ने , बच्चों व महिलाओं के साथ मिलकर घंटों की कड़ी मशक्कत कर बाल्टी, टप आदि बर्तनों से घर में भरे जलभराव को किसी तरह बाहर निकाला। ग्रामीणों का कहना है कि जल निकासी को बनाए गए नाले का चौड़ीकरण होना चाहिए। ताकि बारिश का पानी आसानी से निकल सके। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल निकासी के लिए नाले का चौड़ीकरण कराए जाने की गुहार लगाई है।
ग्राम प्रधान अमित राठी ने बताया कि नाले की सफाई कराई जा चुकी है। अधिक बारिश होने की वजह से यह समस्या पैदा हुई। पानी निकासी के लिए तालाब की जगह कम है।