कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज में मंगलवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। यहां कस्बा मोहनपुरा में मिट्टी की ढाय में दबकर चार लोगों की मौत हो गई और कई महिलाएं और बच्चे मिट्टी में दब गए। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव की प्रक्रिया शुरू की गई। गड्ढा इतना गहरा था कि महिलाओं और बच्चों को निकालने के लिए जेसीबी मंगानी पड़ी। इसके बाद सभी को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। जानकारी के मुताबिक, यहां पर बच्चे और महिलाएं मिट्टी लेने आए हुए थे। तभी मिट्टी का ढाय अचानक से गिर गया। मिट्टी के नीचे करीब 20 महिलाएं और बच्चे दबे हुए हैं। मिट्टी की ढाय बहुत खोखली थी।
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जब बच्चे और महिलाएं मिट्टी खोद रहे थे, तभी वो इस हादसे का शिकार हो गए, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद महिलाओं और बच्चों को बाहर निकाला गया और उपचार के लिए सभी को जिला अस्पताल भेज दिया गया। उपचार के दौरान एक महिला को मृत भी घोषित कर दिया गया। मृतकों की पहचान रामबेटी (32) पत्नी दान पाल निवासी रामपुर, प्रेम देवी (35) पत्नी गंगा प्रसाद निवासी रामपुर, सरस्वती (33) पत्नी रघुवीर निवासी रामपुर, पिंकी (12) पुत्री मानपाल निवासी रामपुर के रूप में हुई है। इस हादसे की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी मेधा रूपम, एसपी अपर्णा रजत कौशिक, विधायक हरिओम वर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी मौके पर पहुंच गए हैं।
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वो इस घटना के संबंध में ग्रामीणों से पूछताछ कर रहे हैं। चीफ मेडिकल ऑफिसर ने इस घटना के संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “यह लोग मिट्टी लाने के लिए गए थे। कोई फंक्शन होता है , उसमें हिस्सा लेने के लिए यह लोग मिट्टी लेने गए थे। तभी दीवार गिरने से यह लोग हादसे का शिकार हो गए। हमारे यहां अब तक 9 लोगों को लाया गया है। जिसमें से चार महिलाओं की मौत हो गई है और पांच लोग खतरे से बाहर हैं। इसमें से दो लोगों को हमने अलीगढ़ रेफर कर दिया है। बाकी का इलाज यहां चल रहा है।” वहीं, ग्रामीण हेमलता ने इस घटना के बारे में कहा, “हम लोग मिट्टी खोदने के लिए गए थे। ढाय दब गया। 10 -12 लोग थे। कुछ दब गए। इस हादसे में कुछ लोगों की मौत हो गई।”
एक और ग्रामीण किशनलाल ने कहा, “पुलिया बन रही थी। इस वजह से गड्ढा किया गया था । कुछ लोग मिट्टी खोदने गए थे। तभी यह लोग हादसे का शिकार हो गए जिसमें 15-20 लोग दब गए।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे को संज्ञान में लेने के बाद शीर्ष अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि हादसे का शिकार हुए लोगों के उपचार में किसी भी प्रकार की बाधा ना आए। इसके अलावा, हादसे का शिकार हुए लोगों को उचित सहायता दिए जाने का भी निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया है।