वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लगभग तीन साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए बात करेंगे। ट्रंप के मुताबिक वो इस ‘नरसंहार’ को रुकवाने की कोशिश करेंगे। जनवरी में ट्रंप के व्हाइट हाउस में प्रवेश से पहले ही दोनों पक्षों में जंग में बढ़त हासिल करने की होड़ लगी है।
हालांकि अमेरिका से समर्थन प्राप्त करने वाले देश यूक्रेन को इस बात की भी चिंता है कि उसे क्षेत्र की शांति के बदले कुछ रियायतें देने को मजबूर होना पड़ सकता है। दरअसल ट्रंप, जो बाइडेन प्रशासन द्वारा मास्को के खिलाफ कीव को प्रदान की गई अरबों डॉलर की सहायता को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं। दोनों देश के राष्ट्रपतियों से बात कर नरसंहार को रोकने की बात डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। ट्रंप ने कहा, “हम राष्ट्रपति पुतिन से बात करेंगे साथ ही हम जेलेंस्की और यूक्रेन के प्रतिनिधियों से भी बात करेंगे।
“उन्होंने युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “हमें इसे रोकना होगा, यह नरसंहार है।” टिप्पणी ऐसे समय में की गई है जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में अपनी सेना के आगे बढ़ते रहने के कदम की सराहना करते हुए कहा था कि ये वर्ष “ऐतिहासिक” रहा। बता दें कि ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि वह संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने पर काम करेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह ऐसा कैसे करेंगे। ज्ञात हो कि ट्रंप ने इस महीने पेरिस में फ्रांसीसी नेता इमैनुएल मैक्रों द्वारा आयोजित एक बैठक में जेलेंस्की से मुलाकात की थी, जिसके बाद यूक्रेनी नेता ने दावा किया था कि कीव एक “स्थायी” शांति और “सुरक्षा गारंटी” की मांग कर रहा है। यूक्रेन के मित्र और पड़ोसी देश पोलैंड ने सोमवार को अपील की कि कीव को शांति वार्ता के लिए “मजबूर” नहीं किया जाना चाहिए।
पोलैंड के विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकोर्स्की ने कहा कि ऐसा करने के लिए “पीड़ित को नहीं बल्कि हमलावर को प्रोत्साहित और मजबूर किया जाना चाहिए।” यूक्रेन युद्ध के एक और शीतकाल में प्रवेश कर रहा है, क्योंकि रूसी हमलों के कारण उसका ऊर्जा ग्रिड पहले ही बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। साथ ही ट्रंप ने यह बात ऐसे समय कही, जब रूसी सेनाएं पूर्वी शहर पोक्रोवस्क के प्रवेश द्वार पर पहुंच चुकी हैं। वर्ष के अंत में आयोजित बैठक में शीर्ष सैन्य जनरलों को संबोधित करते हुए पुतिन ने सोमवार को दावा किया कि उनके सैनिकों का इस युद्ध के अग्रिम मोर्चे पर दबदबा कायम है।