Sunday, May 19, 2024

न्यूज चैनल के दफ्तर में हुई थी दो कारोबारी भाइयों की हत्या, चैनल संचालक सहित तीन दोषी करार

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रांची। रांची में एक न्यूज चैनल के दफ्तर में दो व्यवसायी भाइयों हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या के मामले में रांची के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने चैनल संचालक लोकेश चौधरी सहित तीन अभियुक्तों को दोषी करार दिया है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया।

अदालत आगामी 30 जून को इनकी सजा के बिंदुओं पर सुनवाई करेगा। यह वारदात 6 मार्च 2019 को हुई थी। न्यूज़ चैनल रांची के सबसे पॉश इलाके अशोकनगर में फ्रेंचाइजी मॉडल के आधार पर संचालित होता था और इसका संचालक लोकेश चौधरी नामक शख्स था।

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उसने रांची के लालपुर इलाके में रहने वाले अग्रवाल बंधुओं हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल से उधार में बड़ी रकम ली थी। लेनदेन के सिलसिले में उसने 6 मार्च की रात चैनल के सभी कर्मियों के जाने के बाद अग्रवाल बंधुओं को अपने दफ्तर में बुलाया था और दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

अग्रवाल बंधु अपने बैग में लाखों रुपये लेकर पहुंचे थे। इस दौरान लोकेश चौधरी ने उनके रुपए हड़पने की नीयत से अपने दोस्त और बॉडीगार्ड से दफ्तर में आईबी की फर्जी रेड कराई थी।

आईबी की फर्जी टीम ने दोनों से रुपए भरे बैग छीन लिए। विरोध करने पर दोनों भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद लोकेश चौधरी रात में जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के वसुंधरा अपार्टमेंट स्थित अपने फ्लैट में पहुंचा और वहां से पत्नी और बच्चों को लेकर सीधे बिहार भाग निकला था।

उसने सीसीटीवी फुटेज का डीवीआर लेकर भी निकाल लिया था। बाद में लोकेश के बॉडीगार्ड सुनील सिंह ने पकड़े जाने के बाद पूरे मामले का खुलासा किया था।

उसने बताया था कि व्यवसायी हेमंत तथा महेंद्र अग्रवाल की हत्या रुपये हड़पने के लिए की गई थी। लोकेश के दोस्त एसके सिंह और धर्मेद्र तिवारी ने अग्रवाल बंधुओं पर गोली चलायी थी।

करीब एक साल बाद 9 मार्च 2020 को लोकेश ने रांची कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। लोकेश चौधरी के प्राइवेट बॉडीगार्ड सुनील सिंह उर्फ सुनील कुमार को पुलिस ने बोकारो थर्मल की डीवीसी कॉलोनी से गिरफ्तार किया था। इस संबंध में अरगोड़ा थाना के प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी।

पुलिस ने लोकेश चौधरी और अन्य आरोपियों को गुनहगार साबित करने के लिए 19 गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किए, जबकि लोकेश चौधरी ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए एक भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया। दोषी करार दिए गए लोगों में लोकेश के अलावा उसके दोस्त सुनील सिंह और उसका बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी शामिल हैं।

 

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