अयोध्या। जयपुर के मिनिएचर आर्टिस्ट नवीन शर्मा ने एक नया इतिहास रच दिया है। कड़ी मेहनत के बाद छह साल में बनाई गई 23 इंच लंबाई और 31 इंच चौड़ाई वाली कलाकृति को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय को सौंपा है।
20 लाख चित्र और 51 हजार बार लिखे गए राम नाम वाली कलाकृति श्री रामलला को समर्पित किया गया है। अधिकांश चित्रण और लेखन कार्य को एक बाल के ब्रश के उपयोग से पूरा किया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि 23 इंच लंबी और 31 इंच चौड़ाई वाली इस कलाकृति में रामकथा से जुड़े चित्र उकेरे गये हैं। श्रीराम से जुड़े 500 से अधिक सुखदायी प्रसंगों को उकेरने का यह कार्य लगभग छह साल में पूरा हुआ है। इसकी विशेषता यह भी है कि इस कलाकृति में 20 लाख चित्र समाहित हैं। इसके अलावा कलाकृति में 51 हजार बार राम का नाम अंकित किया गया है और इसके चारों कोनों पर चारों धाम बनाये गये हैं।
कलाकृति के बीच में राम दरबार, सीता स्वयंवर और राम मंदिर है। नवीन शर्मा ने कलाकृति को तैयार करने में लगे छह साल में 7,600 घंटे काम किया। तब, जाकर यह मिनिएचर कलाकृति तैयार हो पाई है।
आधा इंच की परिसीमा में देश के 211 मंदिर, सवा दो इंच की परिसीमा के 28 खंडों में भक्त उकेरे गये हैं। भगवान विष्णु के 24 चित्र भी हैं। अंतिम परिसीमा के पौने इंच के खंडों में रामचरित मानस के 500 सुखदाई प्रसंगों का चित्रण है। इसके अलावा मध्य के दोगुने खंड में ऊपर श्रीगणेश जी ऋद्धि-सिद्धि के साथ विराजमान हैं।
बीच वाली परिसीमा के सबसे बड़े खंड में राम मंदिर है। अपनी कला के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कृत नवीन शर्मा बताते हैं कि राम मंदिर पर फैसला आने के बाद उन्होंने इसके लिए प्रयास शुरू किया। पहले कार्यस्थल पर निर्विघ्न कार्य के लिए बालाजी की गद्दी स्थापित की और फिर काम में जुट गये।