नई दिल्ली। चुनाव आयोग का कहना है कि वह सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार कर रहा है। इस क्रम में आयोग की ओर से वस्तुस्थिति स्पष्ट की गई है। आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के खिलाफ की गई कार्रवाई की भी जानकारी दी है।
आयोग का कहना है कि वह किसी भी तरह से बाध्य नहीं है। इसके बावजूद उसने फैसला लिया है कि अपने पारदर्शिता के वादे के अनुरूप पहले महीने के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के अपने प्रवर्तन को सार्वजनिक डोमेन में रखेगा। इसका मकसद समय-समय पर कुछ क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाली गलतफहमियों और आक्षेपों को संबोधित करना है।
आयोग का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार किया गया है, अल्प सूचना पर भी सभी को समय दिया गया है और उनकी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना गया है। एक महीने की अवधि के दौरान 07 राजनीतिक दलों के 16 प्रतिनिधिमंडलों ने चुनाव की आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन और संबंधित मामलों पर अपनी शिकायतें दर्ज करने के लिए आयोग से मुलाकात की। राज्यों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर भी कई प्रतिनिधिमंडल मिले।
विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से लगभग 200 शिकायतें दर्ज हुई हैं। इनमें से 169 मामलों में कार्रवाई की गयी है। शिकायतों में से भाजपा से प्राप्त कुल शिकायतें 51 थीं, जिनमें से 38 मामलों में कार्रवाई की गई है। कांग्रेस की ओर से 59 शिकायतें थीं, जिनमें से 51 मामलों में कार्रवाई की गई। अन्य पक्षों से प्राप्त शिकायतें 90 थीं, जिनमें से 80 मामलों में कार्रवाई की गई है।
इसके अलावा आयोग ने हाल ही में उसकी ओर से विभिन्न राजनीतिक दलों, नेताओं और अफसरों पर की गई कार्रवाई और सरकारों तथा विभागों को दिए गए निर्देशों में से कुछ चुनिंदा की जानकारी साझा की है।
आयोग के अनुसार नागरिकों के लिए बने पोर्टल सी विजिल पर कुल 2,68,080 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 2,67,762 मामलों में कार्रवाई की गई और 92 प्रतिशत मामलों का समाधान औसतन 100 मिनट से भी कम समय में किया गया।