नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बदलते मौसम और दीपावली से पहले प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए काम शुरू कर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में दीपावली के आसपास दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक होता जा रहा है। ऐसे में वायु प्रदूषण को देखते हुए 14 अक्टूबर से 1 जनवरी, 2025 तक दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री व उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी दिल्ली वालों से सहयोग का अनुरोध किया।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा जारी निर्देश में पिछले साल की तरह इस बार भी दिल्ली में पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ ही पटाखों की ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि “ये सभी को पता है कि हवा की गुणवत्ता पर पटाखों के हानिकारक प्रभाव देखने को मिलते है। हम ऐसा कार्य करना चाहते है जिससे हवा सांस लेने योग्य बनी रहे।”
गोपाल राय ने आगे कहा कि प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी और प्रतिदिन डीपीसीसी को रिपोर्ट दी जाएगी। इस तरह की योजना से दिल्ली में प्रदूषण की गुणवता में सुधार किए जा सकते है। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी और प्रतिदिन डीपीसीसी को रिपोर्ट दी जाएगी। इस तरह की योजना से दिल्ली में प्रदूषण की गुणवता में सुधार किए जा सकते है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की सामूहिक लड़ाई में सहयोग और समर्थन करें।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में धान की कटाई के बाद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के साथ ही दीपावली के मौके पर भारी मात्रा में पटाखे बजाने से उसके अगले ही दिन से दिल्ली गैस का एक चेंबर जैसी बन जाती है। इसके बाद अंग्रेजी नव वर्ष यानी 31 दिसम्बर की रात को भी पटाखे बजाने का चलन बढ़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार इस पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है पर अब तक सारे प्रयास नाकाफी ही रहे है।