Friday, November 22, 2024

विवादों और खराब नतीजों के बीच ओला इलेक्ट्रिक करेगी 500 कर्मचारियों की छंटनी

नई दिल्ली। सरकारी जांच और बढ़ते घाटे के बीच विवादों में घिरी ओला इलेक्ट्रिक कंपनी पुनर्गठन की कोशिशों तहत कम से कम 500 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भाविश अग्रवाल की अगुआई वाली इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या को कम कर “लाभप्रदता को बढ़ाकर” अपनी परिचालन दक्षता को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कंपनी की पुनर्गठन की यह कवायद कई विभागों के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी। सूत्रों का हवाला देते हुए इंक42 (आईएनसी42) की रिपोर्ट के अनुसार, “कंपनी का उद्देश्य लाभप्रदता बढ़ाने और मार्जिन में सुधार के लिए खर्चों में कटौती करना है।

 

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हालांकि, कर्मचारियों की छंटनी को लेकर कोई समय अवधि निर्धारित नहीं है।” ओला इलेक्ट्रिक की ओर से इस छंटनी पर फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है। न ही मामले पर कोई टिप्पणी की गई है। ओला इलेक्ट्रिक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर अवधि में 43 प्रतिशत वृद्धि के साथ 495 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछली तिमाही में 347 करोड़ रुपये था। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी का राजस्व भी इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 1,644 करोड़ रुपये से 26.1 प्रतिशत घटकर दूसरी तिमाही में 1,214 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, शुद्ध घाटा प‍िछले साल की तुलना में कम हुआ है। अग्रवाल ने पोस्ट-क्वाटर्ली अर्निंग कॉल में कहा कि कंपनी के परिचालन व्यय में तिमाही आधार पर कमी आई है और कंपनी लागत दक्षता पर ध्यान केंद्रित करेगी।

 

 

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अग्रवाल ने कहा, “जैसे-जैसे हम वितरण का विस्तार करते रहेंगे, राजस्व बढ़ता रहेगा जबकि परिचालन व्यय अगली कुछ तिमाहियों में स्थिर रहने या घटने की संभावना है।” कंपनी ने दूसरी तिमाही में अपनी बाजार हिस्सेदारी भी 33 प्रतिशत तक गिरते हुए देखी, जो पिछली तिमाही में 49 प्रतिशत थी। विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सेवा नेटवर्क चुनौतियों ने ओला इलेक्ट्रिक के बाजार प्रभुत्व को प्रभावित किया है। ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट जारी है, महज कुछ महीनों में कंपनी के शेयर में निवेशकों का 38,000 करोड़ रुपये से अधिक का पैसा डूब गया है।

 

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शुक्रवार को कंपनी का शेयर 67 रुपये प्रति शेयर के आसपास था, जो इसके बाजार में उतरने के समय 76 रुपये के भाव से काफी कम था और 157.40 रुपये के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 56 प्रतिशत से अधिक नीचे था। कंपनी का बाजार पूंजीकरण 69,000 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जो घटकर 31,000 करोड़ रुपये के आसपास रह गया है। ओला इलेक्ट्रिक के कई ग्राहकों ने सॉफ्टवेयर, बैटरी और जाम हुए टायरों से जुड़ी समस्याओं की शिकायत की है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने भी ईवी कंपनी की उपभोक्ता शिकायत निवारण को लेकर जांच का आदेश दिया है।

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