Saturday, May 18, 2024

उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी, सीएम धामी ने की घोषणा-विधानसभा में होगी चर्चा

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

नयी दिल्ली/देहरादून- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य विधानसभा में व्यापक चर्चा के बाद समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया जाएगा।

श्री धामी ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए इस आशय की बात कही। उन्होंने कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति की ओर से इसका ड्राफ्ट उन्हें सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि 740 पृष्ठों की चार वोल्यूम में तैयार की गई इस विस्तृत ड्राफ्ट रिपोर्ट को पांच फरवरी से आयोजित हो रहे राज्य विधान सभा के सत्र में सभी दलों के सदस्यों के साथ व्यापक चर्चा एवं विचार विमर्श के बाद, अधिनियम के रूप में तैयार कर राज्य में लागू कर दिया जायेगा।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमने 2022 के विधान सभा चुनाव में प्रदेश की जनता से वायदा किया था कि चुनाव के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया जायेगा। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने इसके लिये पूर्ण बहुमत की सरकार राज्य में बनाकर अपना समर्थन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि अपने वादे के मुताबिक हमने सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई।

श्री धामी ने बताया कि समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी मनु गौड़ को सम्मिलित किया गया। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा दो उप समितियों का गठन भी किया गया। जिसमें से एक उपसमिति का कार्य “संहिता“ का प्रारूप तैयार करने का था। दूसरी उपसमिति का कार्य प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किये गये। इस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किये गये।

उन्होंने कहा कि समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिये समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित करने के लिये आठ सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लॉन्च करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और वाट्सअप मैसेज द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गये। समिति को विभिन्न माध्यमों से 2.33 लाख सुझाव प्राप्त हुए। जो कि प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग दो लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने हेतु समिति की 72 बैठकें आहूत की गई।

श्री धामी ने कहा कि सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन और परीक्षण कर यथाशीघ्र उत्तराखंड राज्य के लिये समान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार कर संबंधित विधेयक को आगामी विधान सभा के विशेष सत्र में रखेगी। इस कानून को लागू करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड गंगा, यमुना का उद्गम स्थल होने के साथ भगवान श्री बद्रीनाथ, बाबा केदार, आदि कैलाश की पावन भूमि है। इस देवभूमि से तैयार होने वाला यह विधेयक प्रदेश हित के साथ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ तथा सबका साथ, सबका विकास के प्रधानमंत्री श्री मोदी के मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

उन्होंने कहा कि यह किसी के भी विरोध के लिये नही लाया गया है। हम प्रदेश की जनता से किये गये वादे के अनुरूप इस दिशा में आगे बढे है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्य भी इस दिशा में निश्चित रूप से आगे बढेंगे। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में इसकी व्यवस्था भी स्पष्ट है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,319FollowersFollow
50,181SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय