वाशिंगटन। अमेरिका समेत कई देशों ने फिलिस्तीन में शरणार्थियों के लिए काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य अभिकरण (यूएनआरडब्ल्यूए) की फंडिंग (वित्तीय सहायता) रोक दी है। दरअसल इजराइल ने दावा किया है कि देश में पिछले साल सात अक्तूबर को किए गए हमले में संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी के 12 कर्मचारियों ने फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास की मदद की।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी, ब्रिटेन और कम से कम चार अन्य देशों ने शनिवार को कहा कि वे गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए भोजन, पानी और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी के लिए वित्त पोषण को निलंबित कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी ऐसी घोषणा की थी।
इस रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल के आरोप लगाने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने यूएनआरडब्ल्यूए के इन 12 कर्मचारियों को निकाल जरूर दिया है पर उनका विवरण सार्वजनिक नहीं किया है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इजराइल के आरोपों को “बेहद गंभीर और भयानक” बताया है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य अभिकरण का गठन 1948 में किया गया था। इजराइल के ताजा आरोपों के बाद इस एजेंसी की आर्थिक सहायता रोकने की घोषणा अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड, फिनलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और इटली ने की है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका इन आरोपों से बेहद परेशान है कि एजेंसी के 12 कर्मचारी सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास आतंकवादी हमले में शामिल हो सकते हैं।