नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका कार्यकाल 2029 में खत्म होना था। उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है।
सोनी ने 2017 से आयोग के सदस्य के रूप में कार्य करने के बाद 16 मई, 2023 को अध्यक्ष का पदभार संभाला था। अध्यक्ष का कार्यकाल छह साल का होता है। पता चला है कि उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है। मनोज सोनी आयोग का हिस्सा बनने से पहले दो विश्वविद्यालयों के कुलपति भी रह चुके हैं।
संघ लोक सेवा आयोग केंद्र सरकार की विभिन्न परीक्षाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इनमें सिविल सेवा परीक्षाएं भी शामिल हैं। आयोग आमतौर पर आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और केंद्रीय सेवाओं में प्रतिष्ठित पदों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करता है।
हाल में पूजा खेडकर मामले की चर्चा है लेकिन मनोज सोनी ने बताया कि ”परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का मामला सामने आने के बाद उनका इस्तीफा किसी भी तरह से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से जुड़े विवादों और आरोपों से जुड़ा नहीं है।” सूत्रों के मुताबिक यूपीएससी अध्यक्ष ने एक काफी समय पहले ही व्यक्तिगत कारणों के चलते अपना इस्तीफा दे दिया था जो अभी तक स्वीकार नहीं हुआ था।
यूपीएससी अध्यक्ष से पहले मनोज सोनी डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ओपन यूनिवर्सिटी (बीएओयू), गुजरात के वीसी के रूप में दो कार्यकाल 1 अगस्त 2009 से 31 जुलाई 2015 तक पदभार ग्रहण कर चुके हैं। इससे पहले वे अप्रैल 2005 से अप्रैल 2008 तक बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय (MSU) के वीसी के रूप में एक कार्यकाल पूरा किया था। उस समय में वीसी बनने वाले सबसे कम उम्र के कुलपति बने थे।