Thursday, May 9, 2024

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत पर बवाल, छात्रों ने महिला प्रोफेसर से  की धक्का-मुक्की, फाइलें फाड़ीं, तोड़फोड़ भी की, किया हंगामा

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प्रयागराज। यूनिवर्सिटी में बी वोक के छात्र आशुतोष दुबे की मौत से नाराज छात्रों ने बुधवार को बवाल कर दिया। छात्रसंघ भवन के सामने छात्रों ने सड़क जाम कर हंगामा कर दिया। और नारेबाजी करते हुए छात्र प्रॉक्टर ऑफिस में घुस गए और फाइलों को फाड़ दिया। तोड़-फोड़ की। महिला प्रोफेसर को कुछ छात्रों ने पकड़कर बाहर निकाल दिया। वही पुलिस के पहुंचने के बाद छात्र भाग निकले।

इस मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि अजय यादव सम्राट के नेतृत्व में कुछ बाहरी अराजक तत्वों ने विश्वविद्यालय परिसर में तोडफोड़ की। महिलाओं के साथ अभद्रता और हाथापाई की, जिसमें कुछ शिक्षिकाओं को चोट आई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में पुलिस से एक्शन लेने की बात कही है।

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दरअसल, पूरे मामले की शुरुआत मंगलवार शाम को हुई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में क्लास करने के बाद घर जा रहे छात्र आशुतोष दुबे की अचानक तबीयत बिगड़ गई। वो डीन ऑफिस के बाहर गिर गया। साथी छात्र उसे ई-रिक्शा से लेकर एसआरएन अस्पताल पहुंचे, लेकिन उसकी जान चली गई।

आरोप था कि परिसर में एंबुलेंस खड़ी थी। लेकिन, छात्र को अस्पताल पहुंचाने के लिए मुहैया नहीं कराई गई। आशुतोष के पिता गणेश शंकर दुबे ने कर्नलगंज थाने में कुलपति, रजिस्ट्रार और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी है।

छात्रों ने बुधवार की सुबह छात्र संघ भवन के सामने जाम लगा दिया और हंगामा शुरू कर दिया। छात्र आशुतोष के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा देने, कुलपति, रजिस्ट्रार और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। पुलिस भी मौके पर बुला ली गई। सुबह से नारेबाजी परिसर में हो रही थी।

पिता गणेश शंकर दुबे ने तहरीर में कहा है कि विश्वविद्यालय कैंपस में एंबुलेंस खड़ी थी, लेकिन वह उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसकी वजह से उनके इकलौते बेटे को अस्पताल ले जाने में देरी हुई। आशुतोष दुबे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से बी वोक की पढ़ाई कर रहा था। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से पिता गणेश शंकर दुबे को जानकारी दी गई कि उनके बेटे की अचानक तबीयत बिगड़ गई है। जब वो पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

उनका कहना है कि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ला, चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश सिंह की इस मामले में लापरवाही, प्रशासनिक शिथिलता जाहिर होती है। अगर समय से विश्वविद्यालय प्रशासन ने एंबुलेंस उपलब्ध कराया होता तो शायद उनके बेटे की जान बच सकती थी। उनके बेटे की मौत के यही तीनों जिम्मेदार हैं। लिहाजा उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए।

पिता का आरोप है कि सुरक्षा गार्डों ने छात्रों को कैंपस के अंदर ई-रिक्शा भी नहीं ले जाने दिया। एंबुलेंस तो मिली नहीं ऐसे में ई-रिक्शा ही सहारा था। ई-रिक्शा न जाने के कारण छात्रों को मजबूरी में आशुतोष को बाइक पर ले जाना पड़ा।

इंस्पेक्टर कर्नलगंज राम मोहन राय ने बताया कि लाश को पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया गया है। उनके परिवार वालों को सूचना दे दी गई है। मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि छात्र की मौत की वजह क्या है। पिता ने कुलपति, रजिस्ट्रार और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी है। मामले की जांच की जा रही है।

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