लखनऊ। जमाना तकनीक विकास का है। सभी क्षेत्रों में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, कृषि क्षेत्र भी इसका अपवाद नहीं हैं। देश-दुनिया में खेतीबाड़ी से जुड़ी अद्यतन तकनीक एवं नवाचारों से किसानों को परिचित कराने की जरूरत है, ताकि वे अपनी कमाई बढ़ा सकें। इसी के लिए सरकार ने बहुत पहले “लैब टू लैंड” का नारा दिया गया था। इसी नारे को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नवंबर में लखनऊ में कृषि कुंभ का आयोजन करने जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन कर सकते हैं। योगी सरकार-2 का यह पहला कृषि कुंभ होगा। इससे पहले योगी सरकार-1 में 2018 में 25 से 28 अक्टूबर तक पहला कृषि कुंभ लखनऊ स्थित भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया था। इस बार भी इसी जगह यह कुंभ आयोजित किया जाएगा।
किसानों के साथ उद्यमियों के लिए भी होगा अवसर
कृषि कुंभ, किसानों के साथ खेतीबाड़ी से जुड़े उपकरणों में नवाचार करने वाले उद्यमियों के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित होगा। यहां पर वे न केवल अपनी तकनीकों एवं उत्पादों का प्रदर्शन कर सकेंगे, बल्कि संभावित ग्राहकों को भी जोड़ सकेंगे।
खेतीबाड़ी से जुड़े सभी विभाग होंगे शामिल
दूसरे कृषि कुंभ में कृषि से संबंधित सभी विभाग शामिल होंगे और अपनी-अपनी योजनाओं से जुड़े स्टॉल लगाएंगे। साथ ही, इसके अलावा खेतीबाड़ी से जुड़ी सफलताओं को प्रदर्शित करेंगे। इन विभागों में पशुपालन, गन्ना, रेशम, मत्स्य,उद्यान, और उप्र भूमि सुधार निगम इत्यादि प्रमुख हैं।
इन विषयों पर होगा फोकस
दूसरे कृषि कुंभ में फसल विविधीकरण, जैविक खेती, भूजल संरक्षण, फलफूल खेती, हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल गार्डन, औषधीय पौधों की खेती पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, पशुपालन के उन्नत तरीकों के अलावा कुक्कुट, तीतर, बटेर, बकरी पालन, मछली के साथ बत्तख पालन, सिंघाड़े एवं मखाने की खेती, रंगीन एवं सजावट के लिए मछली पालन, रेशम की खेती, ऊसर भूमि का सुधार और एग्रो फारेस्ट्री जैसे आय के विकल्पों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
कार्यशाला के विषय
लोगों को महत्वपूर्ण विषयों की बारीकियां समझाने के लिए कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी। अलग-अलग सत्रों के विषय एवं पैनल विशेषज्ञों का चयन उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद करेगा। इनके लिए प्रस्तावित विषयों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती, मोटे अनाजों की उपयोगिता और उपयोग, कृषि क्षेत्र में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) की भूमिका, डिजिटल खेती, कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप, कृषि यंत्रीकरण के लाभ, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन शामिल होंगे। इसके साथ कुछ कंपनियों और संस्थाओं के साथ मेमोरंडम ऑफ स्टैंडिंग (एमओयू) भी किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय कृषि कुंभ के जरिए प्रदेश के किसान वैश्विक तकनीक से परिचित होंगे। इनमें से कुछ प्रगतिशील एवं नवाचारी किसान इनका प्रयोग करेंगे, जो अन्य किसानों को इनसे जोड़ने में सहायक होगा। इससे एक सिलसिला बन जाएगा, जो किसानों की आय और खुशहाली को बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हम सबकी यही इच्छा है। यही इस आयोजन का उद्देश्य भी है।