मेरठ। आज मदरसा इस्लामी अरबी अन्दर कोट गुज़री बाज़ार मेरठ शहर में हज़रत अल्लामा अलहाज शाह मुफ्तीक़ारी मौ. याकूब क़ादरी (अल.) का 30वाॅ उर्से पाक (उर्से कादरी) मनाया गया है। जिसमे देश के मशहूर उलेमा-ए-कराम, शायरे-ए-इस्लाम ने शिरकत की। सभी ने साहिबे उर्स की बारगाह में गुलहाए-अकीदत पेश की। उर्से पाक का आरम्भ हज़रत हफिज़ व क़ारी मुफ्ती मौ0 वासिफ रज़ा मरकज़ी साहब ने कलाम-ए-रब्बानी से किया। इस दौरान उनकी सरपरस्ती व अध्यक्षता खानकाहे सरकारे सरावा शरीफ के सज्जादा नशीन हज़रत मौलाना हमीदुल्ला खान साहब किबला कादरी ने फरमाई।
क़यादत साहिबे सज्जादा हज़रत अल्लामा मौ0 शम्स कादरी साहब प्रिंसिपल मदरसा हाज़ा ने फरमाई। उर्स में मौजूद शायरे इस्लाम व मदरसा हाज़ा के छात्रों ने साहिबे उर्स की शान में नज़राना-ए-अकीदत पेश की।बिल्खुसूस उस्ताद शौरा हज़रत मौलाना नूर मौ0 (जिगर मेरठी) ने अपनी आवाज से समां बाॅधा।
उर्से पाक के मौके पर मौजूद शायरों ने फरमाया कि साहिब-ए-उर्स हज़रत अल्लामा अल्हाज़ शाह मुफ्ती कारी मौ0 याकूब साहब कादरी (रह0) सवादे आज़म नज़रिया के हामिल रहें। दीनी व दुनियावी तमाम मसाईल में जमहूर के नज़रिया को इख्तियार फरमाते रहे। उन्ही के नक्श व कदम को अपनी हयात के लिये मशाल राह बनाये। जिससे समाज में सर उठा कर जी सके। आखिर में मुफ्ती-ए-आज़म मेरठ हज़रत अल्लामा मुफ्ती मौ0 इश्तियाकुल कादरी साहब मिसबाही ने हालात हाजरा और इस्लाहे मुआशरा पेश किया।