Monday, December 23, 2024

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों दी बड़ी राहत, बकाया रोड टैक्स की पेनल्टी में दी छूट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब वाहन स्वामी अपने वाहनों पर बकाया टैक्स जमा करते हैं तो पेनाल्टी पर छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह छूट तीन माह की अवधि के लिए दी जा रही है, और इसके तहत परिवहन विभाग ने “एकमुश्त समाधान योजना” शुरू की है, जिससे वाहन स्वामी एकमुश्त टैक्स भुगतान कर बकाया पेनाल्टी पर छूट का फायदा उठा सकते हैं। कामर्शियल वाहनों के बकाया रोड टैक्स पर लगने वाली पेनल्टी में छूट की घोषणा की है, जो 6 नवंबर 2024 से तीन माह की अवधि के लिए लागू है। इस योजना के अंतर्गत वाहन मालिकों को अपने बकाया टैक्स का भुगतान करने पर पेनल्टी में छूट का लाभ मिलेगा, परंतु इसके लिए कुछ नियम और शर्तें भी निर्धारित की गई हैं।

सलमान खान को धमकी भरा संदेश भेजने वाला आरोपित कर्नाटक में गिरफ्तार 

योजना के अनुसार,जिन वाहनों का कर और पेनाल्टी अदालतों या विभाग के किसी अधिकारी के पास लंबित है, उनके स्वामी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। अधिसूचना के बाद पंजीकृत या पेनाल्टी जमा न किए गए वाहन इस योजना के पात्र नहीं होंगे।

सलमान खान को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से धमकी, मीशो पर गैंगस्टर का महिमामंडन करने वाली टी-शर्ट्स की बिक्री पर विवाद

वाहन स्वामी को अपने संबंधित सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) के कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए तिपहिया और हल्के वाहन के लिए ₹200, और अन्य वाहनों के लिए ₹500 शुल्क रखा गया है। इस प्रक्रिया में भाग लेकर वाहन स्वामी अपनी कानूनी उलझनों और संभावित जब्ती या चालान जैसी असुविधाओं से बच सकते हैं।

 

गाजियाबाद में जिला कोर्ट में जिला जज के साथ बदतमीजी, पुलिस ने वकीलों पर किया लाठीचार्ज, मामला तूल पकड़ा

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 6 नवम्बर 2024 से तीन माह की अवधि के लिए परिवहन विभाग में पंजीकृत समस्त प्रकार के कामर्शियल वाहनों के बकाया रोड टैक्स पर लगने वाली पेनल्टी में छूट प्रदान की गई है। इसके लिए निम्नलिखित नियम और शर्तें लागू होंगी।
ऐसे परिवहन वाहन स्वामी या उनके विधिक वारिस, जिनके कर/पेनल्टी के विरुद्ध अपील या पुनरीक्षण मामले उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र) या उप परिवहन आयुक्त (यात्रीकर) के समक्ष लंबित हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें वाद प्रत्याहृत (मामला वापस लेने) के लिए संबंधित न्यायालय या अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना होगा। वे वाहन स्वामी या वित्त पोषक भी इस योजना के पात्र होंगे जिनके वाहन पर मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 51 के अधीन कब्जा किया गया हो। वे वाहन जिनके विरुद्ध अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने की तिथि तक कर एवं पेनल्टी की वसूली के लिए प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है, इस योजना के तहत छूट के पात्र होंगे। वाहन स्वामी अथवा उनके विधिक वारिस को निर्धारित प्रक्रिया के तहत संबंधित जिला के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) या कराधान अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत करना होगा। तिपहिया और हल्के मोटर वाहन (7500 किलोग्राम सकल यान भार तक) के लिए आवेदन शुल्क ₹200 है, जबकि अन्य वाहनों के लिए आवेदन शुल्क ₹500 है। आवेदन केवल इस अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने की तिथि से अधिसूचना की प्रभावी अवधि के भीतर किया जा सकेगा। छूट से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए अलग से सूचना जारी नहीं की जाएगी। इसलिए वाहन स्वामी समय पर आवेदन करें। अधिसूचना के गजट में प्रकाशित होने की तिथि से पूर्व किसी वाहन के विरुद्ध जमा किए गए कर या पेनल्टी की राशि वापस नहीं की जाएगी। इस योजना का लाभ उठाकर वाहन स्वामी अपने बकाया टैक्स का भुगतान कर पेनल्टी में छूट प्राप्त कर सकते हैं।

 

आवेदक/लाभार्थी को संबंधित जिले के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) के कार्यालय में परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवेदन प्रस्तुत करना होगा। संबंधित सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) या कराधान अधिकारी कार्यालय द्वारा शासकीय अभिलेखों के आधार पर आवेदन का परीक्षण करने के बाद इस अधिसूचना के अंतर्गत अनुवर्ती कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

 

परिवहन विभाग सभी वाहन स्वामियों से अपील करता है कि अपनी कामर्शियल गाड़ियों के बकाया रोड टैक्स पर लगने वाली पेनल्टी में छूट का लाभ उठाते हुए अपना बकाया रोड टैक्स शीघ्र जमा करें, ताकि चेकिंग के दौरान टैक्स की देनदारी के कारण वाहन के चालान, सीजर, या आरसी वसूली जैसी किसी भी असुविधा से बचा जा सके।

 

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय