सहारनपुर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा के 7 ठिकानों पर छापा, ₹14.38 करोड़ की काली कमाई उजागर
मुज़फ्फरनगर, शामली,नोएडा, सहारनपुर,जिलों में इंस्पेक्टर रहे राणा; बेटे डॉक्टर-आर्मी अफसर, गाँव में जश्न, विजिलेंस ने 7 घंटे तक खंगाले दस्तावेज
सहारनपुर/मेरठ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत शनिवार को मेरठ विजिलेंस सेक्टर ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। सीबीसीआईडी लखनऊ में इंस्पेक्टर पद से 2024 में सेवानिवृत्त हुए प्रेमवीर सिंह राणा की आय से अधिक संपत्ति के मामले में सहारनपुर स्थित उनके सात ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई। विजिलेंस की इस कार्रवाई ने पश्चिमी यूपी के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है।
7 घंटे चली जांच, 14 करोड़ का साम्राज्य सामने
एसपी विजिलेंस राजीव कुमार के नेतृत्व में मेरठ सेक्टर की 31 सदस्यीय टीम ने सुबह से ही ब्रजेश नगर स्थित राणा के तीन मकानों और शेखपुरा कदीन स्थित 12 बीघे के फार्म हाउस समेत कुल सात ठिकानों पर घेराबंदी कर दी। करीब सात घंटे तक चली इस छापेमारी में टीम ने घरों और फार्म हाउस की बारीकी से जांच की।
| संपत्ति का ठिकाना | मुख्य बरामदगी/कीमत |
| मकान संख्या बी-80 (ब्रजेश नगर) | ₹1.20 करोड़ कीमत। ₹71,500 का फर्नीचर, बैंक दस्तावेज, शस्त्र खरीद रसीदें मिलीं। |
| मकान संख्या बी-27 (ब्रजेश नगर) | ₹1.5 करोड़ कीमत। ₹20.59 लाख की ज्वेलरी, ₹7.18 लाख का घरेलू सामान, और 12 बैंक खातों के दस्तावेज बरामद। |
| मकान संख्या बी-8 (ब्रजेश नगर) | ₹80 लाख कीमत। चार किराएदार रहते मिले। |
| फार्म हाउस (शेखपुरा कदीन) | ₹10.5 करोड़ आंकी गई कीमत। 12 बीघे में बना फार्म हाउस, ₹70 लाख की लागत से बना बड़ा हॉल। ₹9.60 लाख मूल्य का सामान जब्त। |
| कुल संपत्ति का मूल्यांकन | ₹14 करोड़ 38 लाख 9 हजार 255 से अधिक। |
जांच के दौरान 23 बैनामे (कृषि व आवासीय प्लॉट), एक स्कॉर्पियो कार, एक डिजायर कार, एक बाइक, एलआईसी पॉलिसियों की रसीदें और कई बैंक खातों की जानकारी भी मिली है। टीम ने पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई है।

पश्चिमी यूपी था राणा का कार्यक्षेत्र
प्रेमवीर सिंह राणा, मूल रूप से बागपत के गांव निरपुड़ा के रहने वाले हैं। वे सीबीसीआईडी लखनऊ में निरीक्षक पद पर तैनात थे और वर्ष 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे।
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मुकदमा: 22 सितंबर 2025 को उनके खिलाफ मेरठ सतर्कता अधिष्ठान थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
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प्रारंभिक जांच: प्रारंभिक जांच में उनकी आय से अधिक करीब ₹2.92 करोड़ की संपत्ति सामने आई थी, जिसका वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे।
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तस्करी: प्रेमवीर राणा का करियर पश्चिमी यूपी के कई जिलों – मेरठ, नोएडा, मुज़फ्फरनगर,शामली (थानाभवन,कैराना थाना प्रभारी), और सहारनपुर – में गुजरा। इसी दौरान उन पर अवैध तरीके से करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे।
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शिकायतकर्ता: उनके ही गांव निरपुड़ा, बागपत के निवासी राममेहर ने योगी सरकार का विज्ञापन देखकर शिकायत दर्ज कराई थी। देखें प्रेस नोट-

शिकायतकर्ता और गाँव में जश्न
प्रेमवीर राणा के खिलाफ शिकायत उन्हीं के गाँव निरपुड़ा निवासी राममेहर ने की थी। उन्होंने बताया कि योगी सरकार के विज्ञापनों से प्रेरित होकर उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। कार्रवाई शुरू होने के बाद गांव में जश्न का माहौल है और सामूहिक भोज का आयोजन भी किया गया।
प्रेमवीर के परिवार में उनकी पत्नी गृहिणी हैं, जबकि उनके दो बेटों में से एक डॉक्टर है और दूसरा इंडियन आर्मी में बड़ा अधिकारी है।
विजिलेंस टीम ने कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई है और जब्त दस्तावेजों की गहन जांच जारी है। विभाग का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद अवैध संपत्ति का विस्तृत ब्योरा शासन को भेजा जाएगा, जिसके बाद कुर्की की कार्रवाई तय की जाएगी।
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