मुजफ्फरनगर। कराटे की दुनिया में एक बार फिर शिहान वेदप्रकाश के नेतृत्व में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया। 27 से 30 दिसंबर तक फरीदाबाद के एक पांच सितारा होटल में आयोजित साउथ एशिया ओपन कराटे चैंपियनशिप में मुजफ्फरनगर की 52 सदस्यीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 स्वर्ण, 24 रजत और 16 कांस्य पदक जीतकर कुल 88 पदकों के साथ चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया।
चैंपियनशिप में भारत के साथ नेपाल, बांग्लादेश, और उज्बेकिस्तान जैसे देशों की टीमें भी भाग ले रही थीं। मुजफ्फरनगर के खिलाड़ियों ने सभी विरोधी टीमों को मात देते हुए साउथ एशिया कप जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया। यह प्रतियोगिता तीन दिनों तक चली, जिसमें खिलाड़ियों ने शानदार कौशल और समर्पण का परिचय दिया।
नेपाल के कराटे प्रशिक्षक और एशियन रेफरी अभिषेक सिंह ने शिहान वेदप्रकाश को नेपाली टोपी पहनाकर विशेष सम्मान दिया। यह सम्मान उनकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और कराटे के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया।
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शिहान वेदप्रकाश और उनकी टीम ने पिछले वर्षों में भी कराटे खेल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। 2022 में: इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप का खिताब जीता। 2023 में: नेशनल कराटे चैंपियनशिप में प्रथम स्थान। 2024 में: साउथ एशिया कप जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गर्व का अनुभव कराया।
चैंपियनशिप के दौरान वेदप्रकाश के सुपुत्र और प्रशिक्षक तुषार शर्मा ने मंच संचालन का कार्य कुशलता से निभाया। उनकी सूझबूझ और टीम भावना ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।
प्रतियोगिता से पहले मुजफ्फरनगर के सांसद हरेंद्र मलिक ने टीम को शुभकामनाएं देकर विदा किया था। उनकी शुभकामनाओं को साकार करते हुए टीम ने देश और जिले का नाम गर्व से ऊंचा किया।
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने भारत को कराटे खेल के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई है। मुजफ्फरनगर की यह टीम देश और जिले दोनों के लिए गौरव का कारण बनी है। इस जीत ने साबित कर दिया है कि मेहनत, समर्पण, और कुशल नेतृत्व से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।