मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला को लेकर बुधवार दोपहर बाद अपर जिला न्यायाधीश सिक्स की कोर्ट में वाद संख्या 950 महेंद्र प्रताप सिंह की रिवीजन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया जाना था लेकिन, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में एक घंटे तक अपनी दलीलें पेश की गई। प्रतिवादी की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने 20 मार्च को फैसला सुनाने के आदेश किए हैं।
गौरतलब हो कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह की रिवीजन याचिका पिछले साल अपर जिला न्यायाधीश की कोर्ट में दाखिल की थी, इसमें मांग की गई थी कि विवादित स्थान का सरकारी अमीन के द्वारा सर्वे और पुरातत्व विभाग की टीम के द्वारा मौका मुआयना होना आवश्यक है। क्योंकि प्राचीन साक्ष्य को कुछ लोग वहां से मिटाने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए सर्वे होना जरूरी है।
वादी महेंद्र प्रताप सिंह के श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह मामले को लेकर लगाए गए प्रार्थना पत्र पर अपर जिला न्यायाधीश सिक्स की कोर्ट में दोपहर बजे के बाद सुनवाई शुरू हुई, हिंदू और मुस्लिम पक्ष द्वारा दलीलें पूरी हो चुकी थीं लेकिन, बुधवार को सेंट्रल सुन्नी बोर्ड के अधिवक्ता ने न्यायालय में अपनी दलीलें पेश कीं। करीब एक घंटे तक न्यायालय में दलीलें पेश की गईं।
महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि रिवीजन के मामले में ऑर्डर रिजर्व था। पिछली आठ फरवरी को दोनों तरफ से बहस हो चुकी थी। कोर्ट कमीशन का ऑर्डर न्यायालय निचली कोर्ट को करे यह मांग की गई थी। क्योंकि शाही ईदगाह का कोर्ट कमीशन द्वारा सर्वे करना नितांत आवश्यक है। महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि इसके लिए जितने सबूत हैं वह सभी कोर्ट को दिए हैं। 23 फरवरी को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।