मेरठ। कोतवाली के गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में हाईकोर्ट द्वारा मुकदमे की स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद आरोपियों का केस ट्रांसफर प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। आज अदालत इस तिहरे हत्याकांड में अपना फैसला सुनाएगी। 16 साल से यह मुकदमा अदालत में चल रहा है। हर तारीख पर परिजनों की आंखों से आंसू निकलते रहे। वे हर तारीख पर न्याय की आस लगाते रहे लेकिन 16 वर्ष बाद आज मृतक तीनों बेटों की रूह को सुकून मिलेगा तो वहीं पीड़ित परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद है।
23 मई 2008 को कोतवाली के गुदड़ी बाजार में सुनील ढाका, पुनित और सुधीर उज्ज्वल की निर्मम तरीके से हत्या कर शवों को बागपत के बिनौली स्थित गंगनगर में फेंका था। इस घटना को लेकर मेरठ और बागपत में छात्रों से लेकर आम जनता में आक्रोश बढ़ गया था। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मुख्य आरोपी इजलाल की करोड़ों की संपत्ति जब्त की थी। मेरठ कॉलेज के छात्र नेता अमित राणा सहित 37 गवाह बनाए गए थे। सुनील ढाका के भाई अनिल ढाका दिल्ली पुलिस में दरोगा हैं। वही इस मुकदमे में वादी हैं।
तिहरे हत्याकांड में 16 साल से कोर्ट में सुनवाई चली। सुनील ढाका बागपत के ढिकौली गांव, सुधीर उज्ज्वल बागपत के सिरसली गढ़ और पुनीत गिरी परीक्षितगढ़ के खटकी गांव के निवासी थे। कोर्ट में तारीख पर सुनील के भाई अनिल ढाका, सुधीर के भाई सोनू और पुनित के भाई सतीश लगातार आते रहे हैं।
पुनीत के तहेरे भाई अजित वकील हैं, वह तारीख पर सतीश के साथ हर बार जाते हैं। तारीख पर 16 साल पहले घटना को याद करके तीनों परिवार के लोग अक्सर रो पड़ते हैं। वादी अनिल ढाका का कहना है कि आरोपियों ने बड़ी बेहरमी से तीनों युवकों की हत्या की थी। इस वारदात को कभी नहीं भुला पाएंगे।