संभल। संभल के खग्गू सराय में हाल ही में 46 साल से बंद शिव मंदिर को खोला गया था। इसके बाद मंदिर में पूजा की गई। 1978 के दंगों में संभल छोड़कर मुरादाबाद गए विनय कुमार रस्तोगी अपनी पत्नी के साथ मंगलवार को संभल आए और मंदिर में दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत भी की। विनय कुमार रस्तोगी ने बताया कि मैं पहले इस मंदिर के पास ही पीछे वाली गली में रहता था। वर्तमान में मैं मुरादाबाद रह रहा हूं। 1978 में जो दंगा हुआ था, उसमें मेरी दुकान जल गई थी। मेरी दुकान नखासा में थी।
इस दंगे में करीब 100 लोगों मारे गए थे और काफी दुकानें भी जली थीं। उन्होंने आगे बताया कि मैं दुकान पर बैठा था, तभी मैंने दंगे के बारे में सुना। मुझे बताया गया है कि कोतवाली की तरफ से भीड़ भागते हुए आ रही है। इसके बाद मैं दुकान बंद करके घर आ गया था। मेरी दुकान को जला दिया गया था, उसमें अनाज, गुड़, सरसों के अलावा अन्य सभी सामान जल गया था। बता दें कि संभल में 46 साल बाद खुले शिव मंदिर में लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं। मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया। सुबह 4 बजे मंदिर की साफ सफाई की गई।
भगवान शिव और हनुमान जी का श्रृंगार कराया गया। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। मंदिर के पुजारी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि आज मंगलवार का दिन है। हनुमान जी का दिन है। यहां पर भगवान हनुमान को चोला चढ़ाया गया और श्रृंगार किया। भगवान शिव का भी कल (सोमवार को) श्रृंगार किया गया था। यहां प्रसाद वितरण चल रहा है और दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी के शासन में मंदिर इतने दिनों बाद खुला है। हमारा मन प्रसन्न है, लेकिन हमारा दिल रोता है कि सबको उजाला प्रकाश प्रदान करने वाले भगवान इतने साल अंधकार में रहे।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदू समाज पर बहुत अत्याचार हुआ। मैं प्रशासन का ऋणी हूं कि उन्होंने यहां पर मंदिर खुलवाया और हमें पूजा का अवसर दिया। मैं हिंदू समाज की ओर से प्रशासन का आभार जताता हूं। दरअसल, इस मंदिर को प्रशासन ने शनिवार को खुलवाया था। प्रशासन की टीम इलाके में बिजली चोरी पकड़ने गई थी और इसी दौरान ये मंदिर मिला था। मंदिर अब अपने पुराने स्वरूप में दिखाई देने लगा है और यहां पूजा पाठ शुरू किया गया है।