लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश में 14 सीटों के लिए मतदान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार सुबह सात बजे शुरू हो गया। चुनाव के इस अहम चरण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों की किस्मत तय होगी।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने बताया कि मतदान शाम छह बजे तक चलेगा और इसके बाद भी कतार में लगे लोगों को वोट डालने का मौका दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 14 लोकसभा सीटों के अलावा, लखनऊ पूर्व विधानसभा के लिए उपचुनाव भी हो रहा है, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा विधायक आशुतोष टंडन गोपालजी के निधन के बाद खाली हो गई है।
उन्होंने बताया कि इस चरण में जिन 14 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से 10 सीटें सामान्य श्रेणी की हैं और 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
रिणवा ने बताया कि ये 14 लोकसभा क्षेत्र 21 जिलों लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, बाराबंकी,अयोध्या, गोंडा, बहराईच और बलरामपुर में हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव के इस चरण में कुल 2.7 करोड़ मतदाता 13 महिला उम्मीदवारों समेत 144 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिनमें 1.43 पुरुष और 1.27 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों में 17,128 मतदान केंद्रों पर बने 28,688 पोलिंग बूथ पर मतदान होगा।
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान पर कड़ी नजर रखने के लिए आयोग ने तीन विशेष पर्यवेक्षक, 14 सामान्य पर्यवेक्षक, नौ पुलिस पर्यवेक्षक और 15 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किये हैं. “इसके अलावा 2,416 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 327 जोनल मजिस्ट्रेट, 549 स्टेटिक मजिस्ट्रेट और 3,619 माइक्रो पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए हैं।
इस बीच, पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए 9,916 इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, 70,862 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल, पीएसी की 30 कंपनियां और सीएपीएफ की 234 कंपनियां तैनात की गई हैं।
इस चरण में रक्षा मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक दिग्गजों की किस्मत तय होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। लखनऊ 1991 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ रहा है। उन्हें समाजवादी पार्टी (सपा) के मौजूदा विधायक रविदास मेहरोत्रा चुनौती दे रहे हैं। राजनाथ लखनऊ से दो बार 2014 और 2019 में चुने गए थे, जिसका प्रतिनिधित्व कभी पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करते थे।
सबसे दिलचस्प चुनाव रायबरेली में देखने को मिल रहा है जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह चुनौती दे रहे हैं। 2019 के चुनाव में राहुल गांधी अमेठी में बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए थे। इस बार वह अपनी मां सोनिया गांधी के राज्यसभा के लिए नियुक्त होने के बाद कांग्रेस की एक और पारंपरिक सीट रायबरेली चले गए। उनकी बहन और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा राहुल के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रही हैं।
कांग्रेस संसदीय समिति की अध्यक्ष और पूर्व सांसद सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल के पक्ष में भावनात्मक अपील की, लेकिन गांधी परिवार के गढ़ में अब जो मुद्दा हावी है, वह स्थानीय बनाम बाहरी है।
अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला गांधी परिवार के करीबी विश्वासपात्रों और कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा से है। स्मृति ईरानी ने 2019 के आम चुनावों में इस सीट से राहुल गांधी को हराया था। शर्मा का गांधी परिवार के साथ एक लंबा संबंध है और उन्होंने लगभग एक दशक तक रायबरेली में सोनिया गांधी के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। गौरतलब है कि शर्मा की उम्मीदवारी की घोषणा नामांकन के आखिरी दिन की गई थी।
कैसरगंज सीट पर एक और दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां मौजूदा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अंतरराष्ट्रीय पहलवानों से जुड़े विवाद में फंसने के बाद टिकट नहीं दिया गया। भाजपा ने उनके बेटे करण भूषण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया। चुनावी राजनीति में कदम रख रहे करण भूषण सिंह का मुकाबला सपा के भगत राम मिश्रा और बसपा के नरेंद्र पांडे से है। गौरतलब है कि बृजभूषण के बड़े बेटे प्रतीक भूषण पहले से ही गोंडा सदर सीट से विधायक हैं।
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर मोहनलालगंज लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें पूर्व मंत्री और सपा प्रत्याशी आरके चौधरी और बसपा प्रत्याशी राजेश कुमार से चुनौती मिल रही है। सपा में शामिल हुए चौधरी कभी मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के संस्थापक सदस्य थे।
झांसी में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप जैन आदित्य को मौजूदा भाजपा सांसद अनुराग शर्मा से चुनौती मिल रही है। इस सीट पर बसपा ने नए चेहरे और छात्र नेता रवि प्रकाश मौर्य को मैदान में उतारा है।
गोंडा सीट पर दो बार के मौजूदा भाजपा सांसद और मनकापुर रियासत के पूर्व युवराज कीर्ति वर्धन सिंह को सपा प्रत्याशी श्रेया वर्मा से चुनौती मिल रही है. हालांकि श्रेया चुनावी राजनीति में डेब्यू कर रही हैं। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पोती हैं। यूपीए सरकार में केंद्रीय इस्पात मंत्री रहे बेनी शुरू में सपा के संस्थापक सदस्य थे और पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बहुत करीबी थे। बेनी बाद में सपा से अलग हो गये और कांग्रेस में शामिल हो गये।
फ़तेहपुर में मौजूदा भाजपा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी उम्मीदवार नरेश उत्तम पटेल चुनौती दे रहे हैं. मुलायम सिंह सरकार में उपमंत्री रहे सपा प्रत्याशी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भी करीबी हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भाजपा के लिए अहम हो चुकी फैजाबाद सीट पर मौजूदा सांसद लल्लू सिंह दूसरा कार्यकाल चाह रहे हैं. हालांकि, इस बार उन्हें मौजूदा विधायक और सपा के संस्थापक सदस्य अवधेश प्रसाद से चुनौती मिल रही है। बाराबंकी में बीजेपी की राजरानी रावत के मुकाबले कांग्रेस ने तनुज पुनिया पर भरोसा जताया है। तनुज वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीएल पुनिया के बेटे हैं।
रिणवा ने बताया कि पांचवे चरण के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों से सम्बन्धित सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केंद्रों एवं मतदेय स्थलों (पोलिंग बूथ) पर मतदाताओं एवं मतदान कर्मियों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए गए है। पोलिंग पार्टियों के रवाना होने से पहले सभी मतदान कर्मियों को हीट स्ट्रोक से बचने और स्वास्थ्य के दृष्टिगत मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सके।