महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के बदलापुर में दो छोटी बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना पर पूरे देश में नाराजगी बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां आम लोगों ने पीड़ित बच्चियों को इंसाफ दिलाने के लिए कई घंटों तक रेलवे संचालन को ठप कर दिया, वहीं विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार से उनकी मांग है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए और आरोपी के खिलाफ मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं देश में बढ़ रही हैं और इसके लिए जिम्मेदार कारकों की पहचान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “बदलापुर में स्कूल के अंदर छोटी बच्चियों के साथ हुई घटना दिल को दहला देने वाली है। चार साल की मासूम बच्चियां, उनके साथ इस तरह से हैवानियत की जाती है। मां-बाप बच्चियों को विश्वास के साथ स्कूल भेजते हैं। घर वालों को भरोसा होता है कि वहां अध्यापक हैं, जिससे वह पढ़-लिख कर अच्छा बनेगी। देश के स्कूलों में चार साल की बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। यह हो क्या गया है। ऐसी मानसिकता कहां से लाते हैं ये दरिंदे।” उन्होंने आगे कहा, “बलात्कार बलात्कार है, फिर वह चाहे किसी भी व्यक्ति ने किया हो।
इस घटना में शामिल व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मैं तो कहता हूं कि फांसी की सजा से कम ऐसे दरिंदों को देना ही नहीं चाहिए। इसमें राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। हमारे देश में कठुआ हो गया, हाथरस हो गया, ऊना हो गया, कोलकाता हो गया। इससे पहले निर्भया का केस हुआ था। उस मामले में बहुत सारे आंदोलन के बाद सरकार ने कानून को और कठोर किया, फिर भी ऐसे केस नहीं रुक रहे हैं।” बता दें, महाराष्ट्र के बदलापुर में 4 साल की किंडरगार्टन की दो बच्चियों के साथ स्कूल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे ने यौन उत्पीड़न किया।
यह घटना 13 अगस्त को स्कूल के टॉयलेट में घटी और सामने तब आई जब एक बच्ची ने 16 अगस्त को अपने माता-पिता को इस बारे में बताया। आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के सामने आने के बाद बदलापुर शहर में भारी तनाव फैल गया, जिसके चलते इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया। विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं और स्थानीय रेलवे स्टेशन पर भारी विरोध के चलते अंबरनाथ-कर्जत रेलखंड पर लोकल ट्रेन सेवाएं 10 घंटे के लिए रोकनी पड़ी।