Friday, November 15, 2024

जलमार्ग परिवहन का होगा विस्तार, गठित होगा उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय प्राधिकरण: सीएम योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में जलमार्गों के विकास पर विमर्श किया और अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यूपी में जलमार्ग परिवहन का तेजी से विस्तार हो रहा है। प्रयागराज से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग क्रियाशील है। अंतर्देशीय जल परिवहन में यात्रियों और कार्गो दोनों के लिये परिवहन के एक साधन के रूप में प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। हमें इसे विस्तार देना होगा।

योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश नदियों का प्रदेश है। यहां अधिकांश नदियों में हर समय पर्याप्त जल उपलब्ध रहता है। प्रदेश में जल परिवहन की प्राचीन परंपरा रही है। एक समय था कि जब अयोध्या की राजकुमारी जलमार्ग से ही दक्षिण कोरिया गई थी। बदलते समय के साथ इस सेक्टर को उपेक्षित कर दिया गया। प्रदेश में जलमार्गों के सृजन विकास और उन्हें यातायात व माल ढुलाई के लिए प्रयोग में लाने के लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। इसे नियोजित रूप देते हुए प्रदेश में अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया जाना चाहिए। इस संबंध में राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण और अन्य राज्यों में प्रचलित व्यवस्था का अध्ययन कर आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्राधिकरण नोडल अथॉरिटी के रूप में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय का कार्य करेगा। प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल परिवहन एवं पर्यटन संबंधित समस्त गतिविधियों का रेगुलेशन किया जाएगा। साथ ही जल परिवहन से संबंधित पर्यावरण एवं सुरक्षा कानूनों का अनुपालन, जलमार्गों के विकास एवं बेहतर उपयोग हेतु हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण एवं जांच की जिम्मेदारी का निर्वहन भी करेगा।

उन्होंने कहा कि अंतर्देशीय जल यातायात डेटा का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाना चाहिए। अंतर्देशीय जल परिवहन, पर्यटन एवं शिपिंग तथा नेविगेशन संबंधित गतिविधियों के संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाए। अंतर्देशीय जल परिवहन से संबंधित स्टेकहोल्डर्स एवं अधिकारियों/कर्मचारियों का तकनीकी प्रशिक्षण भी कराया जाए।

अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण में परिवहन मंत्री को पदेन अध्यक्ष के रूप में नामित किया जाना चाहिए, जबकि उपाध्यक्ष के रूप में जल परिवहन क्षेत्र में सुदीर्घ अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ की तैनाती की जानी चाहिए। प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को प्राधिकरण के सीईओ की भूमिका दी जानी चाहिए। इसके अलावा वित्त, संस्कृति, सिंचाई तथा वन सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को बतौर सदस्य सम्मिलित किया जाना चाहिए।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय