Friday, May 17, 2024

ऐसे ग्रेजुएट तैयार करने चाहिए, जो उद्योग के लिए तैयार हों : राष्ट्रपति

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मुताबिक शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर हो रहे प्रौद्योगिकीय, आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ तालमेल बिठाने की आवश्‍यकता है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को ऐसे ग्रेजुएट तैयार करने चाहिए, जो उद्योग के लिए तैयार हों और जो रोजगार सृजित कर सकें एवं प्रौद्योगिकी केन्द्रित विश्‍व में प्रतिस्पर्धा कर सकें।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज दुनिया जलवायु परिवर्तन और मृदा क्षरण जैसी समस्याओं से निपटने के लिए प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर बढ़ रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मंगलवार 7 नवंबर को गोविन्‍द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 35वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और यहां उन्होंने अपने संबोधन में यह बातें कहीं।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यावरण-अनुकूल भोजन की आदतों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता, वैज्ञानिक और संकाय सदस्य हमारे भोजन की आदतों में मोटे अनाज को प्राथमिकता देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग आवश्यक है। उन्होंने फसल प्रबंधन, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैविक खेती आदि के माध्यम से कृषि में डिजिटल समाधान शुरू करने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय की सराहना की।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कृत्रिम आसूचना के उपयोग के लिए भी कदम उठा रहा है। उन्हें यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि इस विश्वविद्यालय ने अपना स्वयं का कृषि ड्रोन विकसित किया है जो कुछ ही मिनटों में कई हेक्टेयर भूमि पर छिड़काव कर सकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि ड्रोन प्रौद्योगिकी का लाभ शीघ्र ही किसानों को प्राप्‍त होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। स्थापना के बाद से, यह कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विकास के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि 11,000 एकड़ क्षेत्र में फैला यह विश्‍व के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. नॉर्मन बोरलॉग ने पंतनगर विश्वविद्यालय को ‘हरित क्रांति का अग्रदूत’ नाम दिया था। इस विश्वविद्यालय में नॉर्मन बोरलॉग द्वारा विकसित मैक्सिकन गेहूं की किस्मों का परीक्षण किया गया था। इसने हरित क्रांति की सफलता में प्रभावी भूमिका निभाई है। कृषि क्षेत्र से जुड़ा हर व्यक्ति ‘पंतनगर बीज’ के बारे में जानता है। पंतनगर विश्वविद्यालय में विकसित बीजों का उपयोग देश भर के किसानों द्वारा फसल की गुणवत्ता और उपज बढ़ाने के लिए किया जाता है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पंतनगर विश्वविद्यालय देश के कृषि क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभाता रहेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों को किसानों तक पहुंचाना कृषि विकास के लिए आवश्‍यक है। उन्हें यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि यह विश्वविद्यालय विभिन्न जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ग्रामीण समुदाय की सहायता कर रहा है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय