नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि देश की श्रमशक्ति का सम्मान, कल्याण और सशक्तीकरण सरकार की प्राथमिकता है। श्रीमती मुर्मु ने 18वीं लोकसभा के गठन के बाद गुरुवार को संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत कर रही है। डिजिटल इंडिया तथा डाकघरों के नेटवर्क का उपयोग करके दुर्घटना और जीवन बीमा के दायरे को बढ़ाने का काम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का विस्तार किया जाएगा और ग्रामीण तथा अर्ध शहरी क्षेत्रों के रेहड़ी-पटरी वाले लोगों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। उन्होेंने कहा कि किसी भी समाज की प्रगति समाज के निचले तबकों की प्रगति पर निर्भर करती है। पिछले 10 वर्षों में राष्ट्र की उपलब्धियों और विकास का आधार गरीबों का सशक्तीकरण रहा है। सरकार ने पहली बार गरीबों को ये अहसास कराया कि सरकार उसकी सेवा में है। कोरोना के कठिन समय में सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ उन परिवारों को भी मिल रहा है जो गरीबी से बाहर निकले हैं, ताकि उनके कदम वापस पीछे नहीं जाएं। स्वच्छ भारत अभियान ने भी गरीब के जीवन की गरिमा से लेकर उसके स्वास्थ्य तक को राष्ट्रीय महत्व का विषय बनाया है।
पहली बार देश में करोड़ों गरीबों के लिए शौचालय बनाए गए।सरकार 55 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करा रही है। देश में 25 हजार जन औषधि केंद्रों को खोलने का काम भी तेजी से चल रहा है। इस क्षेत्र में सरकार एक और निर्णय लेने जा रही है। अब आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को भी मिलेगा।