नहाते समय साबुन लगाने के बाद शरीर को तेजी से हाथ से रगडऩे पर मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर से चिपके हानिकारक कीटाणु और मैल झाग के साथ शरीर से अलग हो जाते हैं। नहाने के बाद भीगे हुए तौलिए से शरीर को रगड़कर साफ करने से त्वचा व छिद्र साफ हो जाते हैं।
नहाने के तत्काल बाद भीगे हुए बालों को कंघी से न सुलझाएं। बाल सूखने के बाद ही झारना चाहिए। दही व बेसन की मालिश कर नहाने से शरीर में स्फूर्ति एवं त्वचा में निखार आता है। जाड़ा हो या गर्मी, अधिक देर तक न नहाएं। सर्दी होने का भय बना रहता है। यदि आप तालाब या नदी में नहाते हैं तो पूरे शरीर का व्यायाम भी हो जाएगा एवं आप तरोताजा अनुभव करेंगे।
रात में सोने से पूर्व बिछावन को अच्छी तरह झाडऩे के बाद बिछाना चाहिए। सोने के पहले मौसम के अनुसार हल्का गर्म या ठंडे ताजा पानी से हाथ मुंह और पैर को अच्छी तरह धो लेने से अच्छी नींद आती है। मच्छर आदि से बचने के लिए प्राकृतिक प्रयोग मच्छरदानी ठीक रहती है।
आज हर आदमी दिन भर किसी न किसी तरह के मानसिक तनाव से गुजरता है। अत: बिछावन पर जाने के बाद धीमा
मधुर संगीत सुन लें। यह मस्तिष्क को तरोताजा बनाकर आपको गहरी नींद में सुला देगा। नींद की गोलियां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। सोते समय चिपकेे कसे हुए वस्त्र न पहनें। ये नींद में बाधा डालेंगे। बिछावन पर जाने से पूर्व लघुशंका कर लें।
खाने पूर्व हाथ पैर मुंह ठीक से धो लें। खाना सदा गर्म व ताजा बना खाएं। भोजन चबा चबा कर खाएं। भोजन के तत्काल बाद सहवास करना हानिकारक है। भोजन साफ स्थान पर एक साथ करें। भोजन से पूर्व थोड़ा से पानी पी लेने से भोजन का पाचन अच्छी तरह से होता है।
– प्रभाशंकर