नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) घटाकर शून्य कर दिया है। घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 4,100 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य किया गया है। इसके साथ ही डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर कर की शून्य दर जारी रखी गई है। नई दरें मंगलवार से लागू हो गई हैं।
सरकार की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) जैसी कंपनियों के उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 4,100 रुपये प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया गया है। यह दूसरी बार है, जब घरेलू स्तर पर उत्पादित तेल के लिए विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) को घटाकर शून्य कर दिया गया है। इस लेवी की पेशकश पिछले साल जुलाई में की गई थी।
इससे पहले 2 मई को सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 6,400 रुपये प्रति टन से घटाकर 4,100 रुपये प्रति टन कर दिया था। वहीं, पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर लेवी को शून्य कर दिया गया था, जो उसी स्तर पर बनी हुई है। इसी तरह विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर लेवी भी शून्य बनी हुई है।
सरकार ने पिछले साल एक जुलाई से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाने की शुरुआत की थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटकर 76 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गई है, जिसके बाद घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में ये कटौती की गई है। सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है।