Tuesday, April 22, 2025

अनमोल वचन

प्रेमी की भार्त पुकार भगवान के आसन को भी हिला देती है। प्रियतम को अपना सार्व स्व मानकर जो प्रेम किया जाता है वही सच्चा प्रेम है, इसलिए प्रियतम से कुछ अपेक्षाएं नहीं की जाती। परमात्मा ही हमारा एक मात्र प्रियतम है। यदि परमात्मा से मांगने की प्रवृति है तो वह सच्चा प्रेम नहीं है।

 

प्रेम यदि पूर्ण है तो फिर क्या मांगना। जो सर्वज्ञ है, हृदय में वास करता है उससे कुछ मांगना उसकी सर्वज्ञता का अनादर करना है। वर्तमान समय तुम्हारे हाथों में है। आगे आने वाले समय में तुम क्या बनोगे यह भी तुम्हारे हाथों में है, किन्तु समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।

 

आज यदि वर्तमान को सम्भाल लिया तो यह निश्चित है कि आने वाले काल में उन्नति तुम्हारे हाथों को अवश्यक चूकेगी। जन्म के साथ शिशु की खिलखिलाहट से जीवन की कहानी आरम्भ होती है और मृत्यु के पश्चात समाप्त हो जाती है। जन्म मृत्यु की घटनाएं प्रत्येक व्यक्ति देखता है, परन्तु जीवन और मृत्यु की शाश्वत सच्चाई को जानने का अंकुर किसी-किसी बिरले में फूटता है और ऐसे बिरले व्यक्ति ही आवागमन से मुक्ति पाकर मोक्ष का आनन्द पाते हैं।

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