पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित हो गया। इसे जल्द लागू करना चाहिए। जनगणना नहीं होने के कारण इसमें देरी होगी।
पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग तो शुरू से चाहते हैं कि महिला आरक्षण बिल पास हो , अब यह लोकसभा से पास हो गया है। महिला आरक्षण को जल्दी से लागू करना चाहिए। ये लोग जनगणना नहीं करवाये हैं, इसलिए इसमें देरी होगी।
उन्होंने कहा कि इस काम को और तेजी से करना चाहिए जिस तरह से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं को आरक्षण दिया गया है, उसी तरह से इसमें पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए।
जाति आधारित जनगणना की मांग से संबंधित पत्रकारों के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग ‘यंगर एज’ से इसकी मांग करते रहे हैं। जनगणना का काम वर्ष 2021 में होना चाहिए था, जो नहीं हुआ, ये सब काम करा दिए जायेंगे तो लोगों को काफी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि हमलोगों का यही उद्देश्य है कि महिला आरक्षण बिल जल्द लागू हो जाए, इससे महिलाओं का काफी उत्थान होगा।
पत्रकारों ने जब भाजपा द्वारा वर्ष 2024 के बाद जातिगत जनगणना कराये जाने की बात को लेकर सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक यह हो जाना चाहिए था, इसमें देरी क्यों हो रही है। वर्ष 2024 में शुरू करने की क्या जरूरत है, इसको तत्काल शुरू कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1931 से जनगणना का काम किया जा रहा है। प्रत्येक दस वर्ष पर जनगणना का काम किया जाता है, यह पिछली बार नहीं किया गया, ये अच्छी बात नहीं है, जल्दी से इस काम को शुरू करना चाहिए। महिला आरक्षण को लागू करने में इन्हें देरी होगी, जब महिला आरक्षण लागू हो जाएगा तो मुझे बहुत खुशी होगी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात के प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेताओं से हमारी मुलाकात होती रहती है, आपस में बातचीत होती रहती है।
उन्होंने बिना किसी के नाम लिए हुए कहा कि कुछ मीडिया वर्गों पर उन लोगों का नियंत्रण है, इसलिए चाहकर भी आपलोग सही बात नहीं रख पाते हैं। हमलोगों का पत्रकारों से काफी बेहतर संबंध रहा है। हमलोग किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हम सबकी इज्जत करते हैं। सभी के लिए हम काम करते हैं।