Sunday, April 27, 2025

योगी आदित्यनाथ का त्याग भारत को विश्वगुरू बनायेगा- ग्लेशियर बाबा

महाकुम्भनगर। प्रयागराज महाकुम्भ आज विश्व के ध्यान आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। महाकुंभ को भव्य स्वरूप देने वाले योगी आदित्यनाथ एक दिव्य विभूति हैं। उनको साक्षात भगवान भोलेनाथ ने एक विशेष कार्य के लिए इस धरा पर उतारा है। योगी आदित्यनाथ का त्याग भारत को विश्वगुरू बनायेगा। यह बातें योगी चैतन्य ग्लेशियर बाबा ने कही।

 

मुजफ्फरनगर: छेड़छाड़ का विरोध करने पर दुकानदार को पीटा, शिवसेना ने दी पुलिस को चेतावनी

[irp cats=”24”]

ग्लेशियर बाबा ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि योगी के त्याग से साधुओं को सीखना चाहिए। हलांकि वह जिस परम्परा से हैं वहां हठ योग व त्याग की पराकाष्ठा रही है। गुरू मस्त्येन्द्रनाथ की परम्परा को लेकर बढ़ने वाली नाथ परम्परा के योगी पहले स्वयं पर आधिपत्य व नियंत्रण करते है जिसका नाम है संयम जब तक स्वयं पर संयम नहीं होगा समरसता व सदभावना निर्माण नहीं होगी।

मुजफ्फरनगर में युवक की जहरीला पदार्थ के सेवन से मौत, सुसाइड नोट में चीनी मिल अधिकारियों पर लगाए आरोप

ग्लेशियर बाबा ने कहा कि जब हम सर्वे भवन्तु सुखिन:,सर्वे सन्तु निरामय:कहते हैं तो क्या हम आपस में उस सदभाव व समरसता से युक्त हैं। आत्म सम्मान आत्म श्लागा। हमारे कार्य व हमारी जाति बड़ी है इससे ऊपर उठने की जरूरत है। स्वयं में भेदभाव पहले हम समाप्त करें। स्वयं में समभाव व सदभावना हो।

 

 

जानसठ के दो पूर्व चेयरमैन यनेश तंवर व प्रवेंद्र भड़ाना अनियमितता में फंसे, डीएम ने किये एक लाख की वसूली के आदेश

 

ग्लेशियर बाबा ने कह कि छुआछूत के नाम पर बहुत बड़े समुदाय को दूषित ठहराया गया। दूषित वह है जो दूषित भावनाओं से दूषित आचार विचार से युक्त है। देह तो सबका चमड़े का है। जीवन जीने का तरीका कितना शुद्ध और अशुद्ध है। आपका आचार विचार व्यवहार व जीवनशैली जब हम यह भूल गये तब समरसता टूट गयी। भेदभाव चालू हुआ। आचार्यों द्वारा गुरू परम्पराओं के द्वारा और संतों के द्वारा भेदभाव को दूर करने का प्रयास होना चाहिए। अभी भी बहुत बड़ा वर्ग इससे पीड़ित हो रहा है। अपने को उपेक्षित महसूस कर रहा है। सभी सम्प्रदाय के भाइयों को मिलाएं उनमें भेदभाव न करें। उनको एक करें चाहे जिस गुरू जिस परम्परा का हो सब गुरूओं की धारा परमसत्ता गुरूओं में न बंटें। ग्रन्थों में न बंटें। मूर्तियों में न बंटे। भगवानों में न बंटें। बनना है तो पहले मानव बनें और प्रकृति का रक्षण पोषण करें।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय