Sunday, September 8, 2024

बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी में है योगी सरकार, गांव-गांव जाकर जल जीवन मिशन के विकास कार्यों के गवाह बनेंगे यूपी के छात्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्कूली बच्चे अब गांव-गांव जाकर जल जीवन मिशन के विकास कार्यों के गवाह बनेंगे। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस माह जल ज्ञान यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यालय में शनिवार को दोनों विभागों की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पूरे कार्यक्रम के सभी मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की।

इस कार्यक्रम के जरिए जल जीवन मिशन द्वारा बीहड़ क्षेत्रों में भी स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की पूरी प्रक्रिया के साक्षी छात्र बनेंगे। पहली बार देश में किसी प्रदेश द्वारा किया जाने वाला यह अनूठा प्रयास है, जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा बनाते हुए पूरे कार्यक्रम की छोटी से छोटी जानकारी दी जाएगी।

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बैठक में अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ रामचंद्र, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल समेत दोनों विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

जल ज्ञान यात्रा कार्यक्रम की शुरुआत इस माह में होगी। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग व निजी स्कूलों के बच्चे शामिल होंगे। प्रत्येक स्कूल से 10-10 छात्र-छात्राओं के समूहों को जल ज्ञान यात्रा के दौरान एसटीपी, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को दिखाया जाएगा। इस निःशुल्क जल ज्ञान यात्रा के पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, महोबा व झांसी की यात्रा कराई जाएगी। इस यात्रा के दौरान खेल खेल में बच्चों से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। प्रदेश के छात्र-छात्राओं को जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना द्वारा विकास कार्यों की जानकारी जल ज्ञान यात्रा के जरिए मिलेगी।

बच्चे देखेंगे बुंदेलखंड की बदलती तस्वीर
जल जीवन मिशन के एक प्रवक्ता ने बताया कि मिशन द्वारा बुंदेलखंड की बदलती तस्वीर को बच्चे भी करीब से देखेंगे। विभाग की ओर से जल्द ही जल ज्ञान यात्रा कार्यक्रम के तहत बुंदेलखंड में मेगा विजिट का आयोजन किया जाएगा। जल जीवन मिशन के तहत बुंदेलखंड जैसे बीहड़ इलाकों में कैसे कठिन हालातों के बावजूद भी हर घर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने में सफलता हासिल की है उसकी जानकारी बच्चों को दी जाएगी। इसके साथ ही उप्र के हर जिलें में पांच-पांच स्कूलों को एजुकेशन पार्टनर के तौर पर चिन्हित किया जाएगा, जिससे वो बच्चों को जल के प्रति जागरूक कर सकें।

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