लखनऊ- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों में कानून व्यवस्था चौकस रखने के निर्देश देते हुये रविवार को कहा कि जनशिकायतों के निस्तारण में देरी और झूठी रिपोर्ट लगाने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि नामांतरण, पैमाइश, लैंड यूज चेंज, वरासत आदि आम आदमी से जुड़े मामले किसी भी दशा में लंबित नहीं रहने चाहिए। तय समय सीमा के भीतर निस्तारण होना ही चाहिए।
श्री योगी ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि पर्व और त्योहार खुशियों का अवसर होते हैं। हर व्यक्ति उल्लास-उमंग और आह्लाद में होता है। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। पिछले अनुभवों को दृष्टिगत रखते हुए सुरक्षा के इंतजाम करें।
उन्होने कहा कि 16 सितंबर को बरावफात के अतिरिक्त अनंत चतुदर्शी तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा। इसके उपरांत, पितृ पक्ष प्रारंभ होगा और 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र, विजयादशमी का उत्सव है। कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। पुलिस प्रशासन को 24×7 सतर्क-सावधान रहना होगा। हर पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटें।
योगी ने कहा कि आईजीआरएस में मिलने वाले आवेदन हों या सीएम हेल्पलाइन अथवा थाना/तहसील/विकास खंड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ता, सबकी सुनवाई की जाए। जनशिकायतों/समस्याओं से जुड़े आवेदन का संतोषप्रद निस्तारण किया जाना है। मिथ्या अथवा भ्रामक रिपोर्ट लगाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी तय है।
उन्होने कहा कि माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता में हैं। इससे किसी भी प्रकार समझौता नहीं किया जा सकता। लव जिहाद, चेन स्नेचिंग, ईव टीजिंग की छोटी से छोटी सूचना पर तत्काल एक्शन होना चाहिए। महिला पुलिस बीट अधिकारियों को एक्टिव रखें। पेट्रोलिंग जारी रखें। ऐसी घटनाओं पर बीट सिपाही से लेकर डिप्टी एसपी तक की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन स्तर पर प्रत्येक दिन हर जिले की समीक्षा की जा रही है। जनपदों की हर घटना, हर अधिकारी की गतिविधि की मॉनीटरिंग हो रही है। ऐसा ही प्रयास ज़ोन और रेंज स्तर के अधिकारियों द्वारा अपने प्रभार के क्षेत्र में किया जाना चाहिए। पुलिस कमिश्नर हर दिन डीजीपी को अपने कमिश्नरेट की रिपोर्ट दें।
उन्होने कहा कि सभी जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की तैनाती की गई है। प्रभारी मंत्रियों का दौरा प्रत्येक माह होगा। जिलों में एक कोर कमेटी भी गठित की गई है। प्रभारी मंत्रियों के दौरे के समय सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें, अपनी विभागीय प्रगति से माननीय मंत्री को अवगत कराएं। प्रभारी मंत्री द्वारा दिये गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान अपने जिले के प्रभारी मंत्री से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें। जिले की गतिविधियों से उन्हें अपडेट करते रहें। जिलों के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती भी शीघ्र कर दी जाएगी।