नई दिल्ली। नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में ‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ की योजनाओं का अनावरण गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। 18 मई को इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो में वर्चुअल वॉकथ्रू के जरिए इस संग्रहालय का ब्लूप्रिंट जारी किया गया। यह संग्रहालय देश के 5 हजार साल के इतिहास से विश्व को रुबरू कराएगा।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में नया संग्रहालय 5,000 से अधिक वर्षों की भारत की समृद्ध संस्कृति की कहानी को चित्रित करेगा, जो विभिन्न वर्गों या ‘खंडों’ में प्रदर्शित होगा। 1.17 लाख वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले दो मंजिला संग्रहालय में 950 कमरे, एक तहखाने, और खाली जमीन होंगे। इस संग्रहालय में कई खंड होंगे जिसमें प्राचीन भारत खंड, भारतीय ज्ञान परंपरा, मध्य युगीन भारत, स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत का नव-निर्माण शामिल होंगे।
विश्व के सबसे विशाल संग्रहालय में बनाए गए प्रचीन भारत खंड में हड़प्पा -मोहनजोदड़ो के सुनियोजित नगर व्यवस्था के सफर को दर्शाया जाएगा वहीं, भारतीय ज्ञान परंपरा के इतिहास में तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला विश्वविद्यालय के साथ वेदों, उपनिषदों की कहानी को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
संग्रहालय में चालुक्य, कश्मीर राजाओं के गौरव गाथा को भी संकलित किया गया है। मध्य-युगीन भारत में राजपूतों, मराठों की शौर्यगाथा, उनके संरक्षण में कला संस्कृति के विकास का संकलन भी होगा। संग्रहालय में मुगलों के इतिहास का वर्णन है। इस्ट इंडिया कंपनी से लेकर औपनिवेशिक शासन के विस्तार की कहानियों का भी संकलन किया गया है। सन 1857 की आजादी की कहानी का भी संकलन किया गया है। स्वतंत्र भारत का नव-निर्माण की कहानियां भी शामिल की गई है।
उल्लेखनीय है कि नॉर्थ और साउथ ब्लॉक 1930 के दशक के दौरान निर्मित केंद्रीय सचिवालय परिसर की इमारतें हैं। साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय हैं, जबकि नॉर्थ ब्लॉक में वित्त और गृह मंत्रालय हैं। केन्द्र सरकार ने साल 2021 में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में बदलने की योजना की घोषणा की थी।