Wednesday, April 30, 2025

मोदी सरकार ने किया जाति जनगणना कराने का फैसला,गन्ना किसानों को भी दी राहत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी। बैठक में सरकार ने जाति जनगणना कराने का भी फैसला लिया है। कैबिनेट जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है। सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया। 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई।

 

पाकिस्तानी पूर्व सांसद भारत में कुल्फी बेचकर गुजार रहे हैं जिंदगी, हिंदू परिवार की कहानी जानकर रो देंगे

[irp cats=”24”]

 

जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है। उन्होंने आगे कहा कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा। तत्पश्चात एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था, जिसमें अधिकांश राजनैतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी। इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाय, सर्वे कराना ही उचित समझा, जिसे सीईसीसी के नाम से जाना जाता है।

 

मुज़फ्फरनगर में थाने में मुंशी ने वकील से मांगे रुपये, बोला-ज़िले में कौन नहीं ले रहा, SSP से की शिकायत

 

उन्होंने आगे कहा कि इन सब के बावजूद कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दलों ने जाति जनगणना के विषय को केवल अपने राजनैतिक लाभ के लिए उपयोग किया। वैष्णव ने कहा कि जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है और यह केंद्र का विषय है। हालांकि, कई राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की जनगणना की है। जहां कुछ राज्यो में यह कार्य सुचारू रूप से संपन्न हुआ, वहीं कुछ अन्य राज्यों ने राजनैतिक दृष्टि से और गैरपारदर्शी ढंग से सर्वे किया। वैष्णव ने आगे कहा कि इस प्रकार के सर्वें से समाज में भ्रांति फैली है। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारा सामाजिक ताना बाना राजनीति के दबाव में न आए, जातियों की गणना एक सर्वें के स्थान पर मूल जनगणना में ही सम्मिलित होनी चाहिए।

 

 

 

इससे समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत होगा और देश की भी निर्बाध प्रगत‍ि होती रहेगी। पीएम मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में मेघालय के शिलांग के पास मावलिंगखुंग से असम के सिलचर के पास पंचग्राम तक एक नए ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग-6 (एनएच-6) के तहत कुल 166.80 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर होगा, जिसे हाइब्रिड एन्यूटी मोड के अंतर्गत बनाया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 22,864 करोड़ रुपये आंकी गई है।

 

 

 

कैबिनेट ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य को लेकर भी बड़ा निर्णय लिया है। 2025-26 चीनी सत्र के लिए गन्ने की एफआरपी दर 355 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। यह दर 10.25 फीसदी की बेसिक रिकवरी दर पर आधारित है। इसके अलावा, रिकवरी दर में हर 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी पर 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम मिलेगा, जबकि 0.1 फीसदी की कमी पर उतनी ही राशि की कटौती की जाएगी। सरकार का यह निर्णय गन्ना किसानों की आय सुनिश्चित करने और चीनी मिलों के साथ संतुलन बनाए रखने की दिशा में उठाया गया कदम है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय