लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और ईवीएम के जरिए फर्जी वोटिंग का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हालिया उपचुनाव नये जमाने की ‘इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’ का मामला है।
सपा के राज्य मुख्यालय में रविवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यादव ने कहा कि लोकतंत्र में सच्ची जीत लोक से होती है, तंत्र से नहीं। जिस जीत के पीछे छल होता, वो दिखावटी जीत एक छलावा होती है, जो सबसे ज्यादा उसी को छलती है, जिसने छल करके जीत का नाटक रचा है।
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सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा का हारने का डर तो उसी दिन साबित हो गया था, जिस दिन उसने पीडीए के अधिकारियों-कर्मचारियों को चुनाव से हटा दिया था। जिससे इनके अपने लोग वहां सेट किए जा सकें और धांधली की गवाही देने वाला कोई न हो। हमने तो भाजपा की बदनीयत को समझ कर तब ही विरोध किया था, लेकिन जब शासन-प्रशासन ही दुशासन बन जाए तो लोकतंत्र के चीर हरण को कौन रोक सकता है।
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यादव ने कहा कि जिनकी उंगलियों पर निशान नहीं है, उनके भी वोट डाले गये हैं। चुनाव आयोग अपने दस्तावेजों में देखे कि जिनका नाम दर्ज है वो बूथ तक पहुंचे भी या नहीं। सब दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। अगर ईवीएम की कोई फोरेंसिक जांच संभव हो तो बटन दबाने के पैटर्न से ही पता चल जाएगा कि एक ही उंगली से कितनी बार बटन दबाया गया।
यादव ने कहा कि ये नये जमाने की ‘इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग’ का मामला है। जो कोर्ट की निगरानी में होने वाली मतगणना में कैमरे के सामने हेराफेरी कर सकते हैं, वो अपने लोगों के बीच बूथ के बंद कमरे में क्या नहीं कर सकते। अगर पीडीए के अधिकारी-कर्मचारी बदलकर धांधली न की होती तो भाजपा एक भी सीट के लिए तरस जाती, जैसे कि लोकसभा चुनाव में हुआ था। जब ऐसी व्यवस्था मिल्कीपुर अयोध्या में नहीं हो पाई तो वहां का चुनाव ही टाल दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा की बुनियाद हिल चुकी है। एक बार सोच के देखिए, भाजपा को भला वोट कौन दे रहा है। क्या वो गरीब जो महंगाई का मारा है।
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि भाजपा को पांच प्रतिशत लोग भी वोट नहीं दे रहे हैं। इनकी जीत में वोट की कोई भूमिका है ही नहीं। ये तंत्र की हेराफेरी से जीतने वाले लोग हैं।