बीजापुर। बीजापुर और सुकमा में दो बड़ी मुठभेड़ों के बाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छत्तीसगढ़ यात्रा से कुछ घंटे पहले बीजापुर जिले में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। नक्सलियों ने बीजापुर एसपी कार्यालय में पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर किया।
आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों में से 14 पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इन नक्सलियों ने अपने आत्मसमर्पण का कारण माओवादी विचारधारा को खोखला और अमानवीय बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें आंदोलन के भीतर पनप रहे मतभेदों और प्रतिबंधित माओवादी पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं द्वारा आदिवासियों का शोषण भी किया जा रहा था, जिसके कारण वे आत्मसमर्पण के रास्ते पर चलने को मजबूर हुए। नक्सलियों ने यह भी बताया कि वे अब इस अमानवीय विचारधारा से मुक्ति चाहते हैं और शांति से जीने की चाहत रखते हैं। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों ने अपने हथियारों और अन्य सामान राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिए।
इस आत्मसमर्पण से सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है क्योंकि इसमें 14 नक्सली ऐसे थे, जिन पर बड़ा इनाम घोषित था और ये लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए थे। बता दें कि शनिवार को सुरक्षाबलों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के सुकमा और बीजापुर जिलों में दो मुठभेड़ों में 11 महिलाओं समेत 18 नक्सलियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के मिशन में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। इन हालिया सफलताओं के साथ इस साल अब तक राज्य में विभिन्न मुठभेड़ों में कुल 134 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें से 118 बस्तर संभाग में मारे गए। पुलिस के अनुसार, 2024 में बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में कुल 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।