नई दिल्ली। ब्लड बैंक अब खून नहीं बेच सकेंगे, वे सिर्फ प्रोसेसिंग शुल्क ही ले पाएंगे। सरकार ने ब्लड बैंक द्वारा ओवर चार्जिंग की शिकायतों पर सख्त रुख अपनाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर को चिट्ठी लिख कर निर्देश जारी किया है। निर्देश में लिखा गया है कि नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूशन काउंसिल द्वारा जारी संशोधित गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए।
दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय को पिछले कई समय से खून की खरीद फरोख्त की शिकायतें मिल रही हैं। नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूशन काउंसिल ने साल 2022 में ही द्वारा जारी संशोधित गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत ब्लड बैंक खून को बेच नहीं सकते, बस प्रोसेसिंग फीस ले सकते हैं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से 26 दिसंबर 2023 को जारी लेटर में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ड्रग्स कंसल्टेटिव कमेटी की 62वीं बैठक हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि अब खून बेचा नहीं जाएगा। अस्पताल और ब्लड बैंक खून के लिए सिर्फ केवल प्रोसेसिंग फीस ले सकते हैं। खून की कमी या दुर्लभ ब्लड ग्रुप होने पर यह फीस ज्यादा होती है, लेकिन नए नियमों के अनुसार, केवल प्रोसेसिंग फीस ली जाएगी, जो कि करीब 250 से 1550 रुपये के बीच है।